नशा निवारण केंद्र में मारपीट और देसी कट्टे की नोक पर लूटपाट के आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने दो आरोपितों को दिल्ली और एक आरोपित को गुड़गांव से गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान प्रशांत धर्माणी, स्वनिल और दीपक के तौर पर हुई है। प्रशांत धर्माणी बिलासपुर जिला के घुमारवीं का रहने वाला है। जबकि स्वपनिल ठाकुर पंजाब इस्टेट नाभा हाउस नई दिल्ली और दीपक मूलत: बिलासपुर का है और दिल्ली में ही सैटल है।
पुलिस अधीक्षक शिमला मोहित चावला ने बताया कि आरोपितों को कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगा गया है। उन्होंने बताया कि शनिवार को यह घटना पेश आई थी। बालूगंज थाना में स्पैशल सैल बना हुआ है, उसने काफी कम समय में इस केस को सुलझाया है। जिसके लिए पूरी टीम बधाई की पात्र है। घटना के दौरान आरोपितों के पास देसी कट्टा था या नहीं इसको लेकर अभी पूछताछ चल रही है।
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि प्रशांत धर्माणी का इसी नशा निवारण केंद्र में ईलाज चल रहा था। ईलाज के बाद वह दोबारा नशे करने लगा। स्वजनों ने दोबारा ईलाज करने की बात कही थी। लेकिन नशा निवराण केंद्र के मालिक ने आरोपित के स्वजनों को कहा गया था कि उसकी हालत में सुधार नहीं हो रहा है और वह कहीं और जगह इसका ईलाज करवाए। ऐसे में यह मामला पुरानी रंजिश का लग रहा है। मामले की जांच अभी चल रही है ऐसे में पुलिस फिलहाल इस मामले पर अभी ज्यादा नहीं कहना चाहती।
वहीं, नशा निवारण केंद्र चलाने वाले आशीष शर्मा के अनुसार आरोपित प्रशांत धर्माणी करीब दो से अढ़ाई महीने इसी केंद्र से डिस्चार्ज हुआ था। उसने फिर से नशे करने शुरू कर दिए थे। इसको लेकर आरोपी के भाई का फोन आया था कि उसे फिर से अपने केंद्र में ईलाज के लिए रखा जाए। इस पर आशीष ने कहा था कि वो उसे यहां नहीं रख सकता क्योंकि उसने पहले भी यहां काफी नुकसान किया है, इसलिए उसे किसी दूसरे पूर्नवास केंद्र में रखे। आशीष ने दो केंद्रों के नंबर भी आरोपित के भाई को दिए थे। शायद इसी बात से आरोपित चिढ़ा हुआ था।
पुलिस को दी शिकायत के अनुसार घटना बीते 16 जुलाई की शाम करीब छह बजे की है। आरोपित गाड़ी में नशा निवारण केंद्र पहुंचे। इसमें एक गाड़ी एसयूवी थी और दूसरी वैन। आरोपित केंद्र के भीतर अपने एक साथी के साथ घुसा। केंद्र में एक कर्मचारी मुकुल मौजूद था। आरोपितों ने केंद्र में काम करने वाले कर्मचारी से पूछा कि केंद्र का मालिक आशीष कहां है। मालिक के न होने पर आरोपितों ने कर्मचारी को कहा कि उसे कहा कि उसको कॉल कर और यहां बुला। आरोपित ने पहले कट्टा कमर के पीछे रखा था और फिर बाद में कर्मचारी के सामने तान दिया और कहा कि उसे कॉल कर नहीं तो मैं तुझे ठोक दूंगा। इस पर कर्मचारी डर गया और उसने फोन कर दिया। आशीष का कहना है कि उसने फोन पर गालियां दी और उसके बाद कर्मचारी की लात-घूंसों से पिटाई कर दी और कमरे में तोड़फोड़ भी की।