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मॉनसून सत्र: दो साल में मात्र 28661 बेरोजगारों को रोजगार दे पाई है सरकार

पी. चंद |

हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो गया है। दो बजे से शुरू हुए सत्र के पहले दिन पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह और नरेंद्र बरागटा के निधन पर शोकोदगार हो रहा है। शोकोदगार के बाद सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी जाएगी। लेकिन सदन से प्रदेश के बेरोजगारों के लिए अच्छी ख़बर नहीं आई है। हालांकि आज प्रश्नकाल नहीं हुआ लेकिन सुखविंदर सिंह सुक्खू, विक्रमादित्य सिंह और मुकेश अग्निहोत्री के बेरोजगारों को लेकर पूछे गए लिखित सवाल के जवाब में उद्योग मंत्री विक्रम ठाकुर की तरफ से जो जवाब आया वह निराशाजनक है।

सदन में रखे गए आंकड़े के मुताबिक़ 31 जनवरी 2020 तक प्रदेश के रोजगार कार्यालयों में शिक्षित बेरोजगारों की पंजीकृत संख्या तक 8 लाख 46 हज़ार 209 है। जिनमें से सरकार 2018 और 19 में मात्र 28661 बेरोजगारों को ही रोजगार दे पाई। इसमें भी नियमित -3109, अनुबंध -17390, दैनिक भोगी- 415, आउटसोर्सिंग- 7747 बेरोजगारों को रोजगार मिला। ये आंकड़ा कोरोना से पहले के हैं। कोरोना काल के दौरान हिमाचल के हज़ारों युवा बेरोजगार हुए हैं। जो चिंता का विषय है।

हिमाचल प्रदेश के रोज़गार कार्यालयों में 76,318 -पोस्ट ग्रेजुएट, 1,36,517 -ग्रेजुएट, 4,04, 819- 12वीं पास, 1, 95,548 -10वीं और इससे नीचे के 33,007 युवा बेरोजगार पंजीकृत है। जो हिमाचल जैसे छोटे से राज्य के लिहाज़ से संतोषजनक आंकड़े नहीं कहे जा सकते है।