मॉनसून सत्र के दूसरे दिन हिमाचल प्रदेश विधानसभा में प्रश्नकाल शुरू होने से पहले किन्नौर के विधायक जगत नेगी ने सांसद रामस्वरूप शर्मा की मौत की सीबीआई जांच का मामला सदन में उठाया और नियम 67 'काम रोको प्रस्ताव' के तहत इस चर्चा की मांग उठाई।
जगत नेगी ने बताया कि रामस्वरूप शर्मा के बेटे जांच की मांग उठा चुका हैं। मौत के चार महीने पश्चात भी फॉरेंसिक की रिपोर्ट नहीं आई है। विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए साफ इनकार कर दिया। विपक्ष अपनी मांग को लेकर मुखर हुआ। विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि 18 लाख लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद की मौत की जांच होनी चाहिए।
बढ़ते कोलाहल के बीच मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर उठे औऱ कहा कि रामस्वरूप भाजपा के सांसद थे। उनकी मौत का भाजपा को नुकसान हुआ लेकिन रामस्वरूप की मौत दिल्ली में हुई है व दिल्ली क्राइम ब्रांच मामले की जांच कर रही है। "रामस्वरूप का परिवार मुझसे मिला भी है लेकिन उन्होंने जांच की मांग नहीं की। हां, समाचार पत्रों में जरूर उन्होंने जांच की मांग उठाई है।
हिमाचल सरकार के अधीन ये मामला नही आता है। इस पर विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने सांसद की मौत पर सीबीआई जांच करने की मांग उठाते हुए सलाह दी कि मुख्यमंत्री पत्र लिखकर सीबीआई जांच की मांग करें। इस पर नारेबाज़ी करते हुए विपक्ष बेल में आ गया।
विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार नियम 67 को लेकर बताते रहे और कहा कि इस मामले को 67 के तहत नहीं उठाया जा सकता इसलिए इस पर चर्चा नहीं दी जा सकती। विपक्ष सदन में नारेबाज़ी करता रहा। नारेबाज़ी के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल शुरू कर दिया जिसके उपरांत विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया।