प्रश्नकाल शुरू होने से पहले विपक्षी कांग्रेस विधायकों ने प्रदेश में बेरोजगारी की स्थिति और सरकारी विभागों में चोर दरवाजे से हो रही भर्तियों को लेकर पॉइंट ऑफ़ आर्डर का मामला उठाया। प्रदेश सरकार और विधानसभा अध्यक्ष द्वारा चर्चा न दिए जाने के विरोध में विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
बुधवार को विधानसभा सत्र शुरू होने से ठीक पहले नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री खड़े हुए। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार से राज्य में बेरोजगारी कि स्थिति और सरकारी विभागों में चोर दरवाजे से हो रही नियुक्तियों का मामला उठाना चाहा।
इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले पर आज सुबह 9:47 पर नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री आशा कुमारी इंद्र दत्त लखन पाल राजेंद्र राणा की ओर से नियम-67 के तहत चर्चा मांगी गई। विपक्ष चाहता था कि यह गंभीर मामला है और इस मामले पर सरकार को चर्चा करनी चाहिए।
कांग्रेस विधायक इंद्र दत्त लखन पाल ने कहा कि बीजेपी की सरकार पिछले 4 सालों से प्रदेश के युवाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है। बैकडोर से भर्तियां की जा रही है। चोर दरवाजे से भर्तियां की जा रही है। आउटसोर्स से भर्तियां की जा रही ओर प्रदेश के पढ़े लिखे बेरजगारों के भविष्य को खराब किया जा रहा है। इस पर चर्चा न मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है। करुणामूलक आधार पर नौकरियां नहीं दी जा रही। बिना रोस्टर के विश्वविद्यालय और अन्य संस्थानों में भारतीय जनता पार्टी से जुड़े लोगों को नौकरियां दी जा रही हैं। कांग्रेस पार्टी इसका कड़ा विरोध करेगी।
वहीं, विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि आउट सोर्स पर भर्तियां करके युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। चोर दरवाजे भर्तियां बर्दास्त नहीं की जाएंगी। उन्होंने कहा कि कमीशन से कोई भर्तियां नहीं की जा रही हैं। इसके खिलाफ विपक्ष ने सदन में आवाज उठाई जिसको सरकार ने नजरअंदाज कर दिया।
उधर, माकपा विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि वह कांग्रेस पार्टी के द्वारा सदन में पेश किए गए प्रस्ताव से पूर्ण सहमत हैं। आज r&p अरुण को सरकार नजरअंदाज कर रही है। व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए आउटसोर्स के माध्यम से बैकडोर भर्तियां की जा रही है जो कि सही नहीं है। यह संविधान की उल्लंघना है इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।