कांग्रेस ने आगामी उपचुनाव के लिए तैयारियां कर ली हैं। प्रदेश की जनता बीजेपी की जनविरोधी नीतियों से परेशान है। सरकार कोविड, महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों से निपटने में असफल रही है। प्रदेश की जनता आगामी चुनावों में इसका मुंहतोड़ जवाब देगी। यह बात अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव प्रदेश मामलों के सह प्रभारी संजय दत ने शिमला में पत्रकारवार्ता के दौरान कही।
संजय दत्त ने कहा कि आगामी उपचुनाव के लिए कांग्रेस पूरी तरह तैयार है। प्रदेश का हर वर्ग भाजपा की नीतियों से परेशान है। महंगाई व बेरोजगारी से जनता परेशान है। कोरोना से निपटने के लिए सरकार विफल रही है। जनता इस चुनाव में इन मुद्दों को देखते हुए वोट देगी। उन्होंने कहा कि पेगासस के कांड की सारी जानकारी सामने आई और साफ हो गया कि सरकार जासूसी कर रही है। राजनेताओं, उच्च अधिकारियों और जजों की जासूसी की गई। बीजेपी कि सरकार ने लोकतांत्रिक प्रणाली की धज्जियां उड़ाई। संसद में सरकार इस पर चर्चा नहीं कर पाई। मोदी अपने मन की बात जनता पर थोप रहे हैं। सरकार का बर्ताव लोकतंत्र को कमजोर करने का काम रही है। गेम चेंजर के बजाए सरकार नेम चेंजर बन कर रह गई है। पुरानी योजनाओं को बदल दिया गया है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर भारत रत्न पुरुस्कार का नाम बदल कर ध्यान चंद के नाम पर रख दिया गया है। यह मोदी के निचली स्तर की मानसिकता को दर्शाता है।
संजय दत्त ने कहा कि प्रदेश सरकार का 4 साल का कार्यकाल विफल रहा है। मुख्यमंत्री अब चुनावी क्षेत्रों में जाकर घोषणाएं कर रहे हैं। इन क्षत्रों की पिछले चार सालों में कोई सुध नहीं ली। अब बिना बजट के घोषणाएं की जा रही हैं। बरसात में सड़के बंद हैं, सरकार का कोई नियोजन नहीं है और करीब 220 लोगों ने इस आपदा में जान गवां दी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार और अफ़सरशाही में तालमेल नहीं है। मंत्री कैबिनेट में अफसरों को अपमानित कर रहे हैं। मुख्य सचिव अनिल खाची को जो ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं उन्हें सरकार ने मनमानी कर हटा दिया। उन्होंने कहा कि 65 हजार करोड़ के कर्ज तले दबी हुई सरकार अपनी कमजोरीयों को दबाने के लिए नई नियुक्तियां कर रही है। प्रदेश की आर्थिकी पर अतिरिक्त बोझ डाला जा रहा है।
कांग्रेस प्रभारी ने कहा कि सांसद राम स्वरूप की मौत की जांच न कराकर बीजेपी क्या छुपाना चाहती है? मंडी की जनता और उनका परिवार जब सीबीआई जांच की मांग उठा रही है तो सरकार इसे दबाने की कोशिश कर रही है। कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी के बावजूद सरकार ने आरटीपीसीआर रिपोर्ट की अनिवार्यता खत्म कर दी जिसके कारण हिमाचल में पर्यटकों का जमावड़ा लग गया। स्कूलों में अब विद्यार्थी पॉजिटिव आ रहे हैं। सरकार कोविड से निपटने में असफल है। आगामी चुनावों में प्रदेश की जनता इसका मुंहतोड़ जवाब देगी।