भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत की संसद मे सभी सीमाएं तोड़कर जो शर्मनाक हुल्लड़बाजी हुई है उससे सारे देश का सिर नीचा हुआ है। सदन चलाने की जिम्मेवारी सरकार और अध्यक्षों पर होती है। संविधान में उन्हें कार्यवाही करने के अधिकार दिए हैं। उसी समय तुरंत कार्यवाही की जानी चाहिए।
शांता ने कहा कि 130 करोड़ आबादी वाले देश के चुने हुए नेता सदन में जो हुल्लड़बाजी करते हैं पूरा देश उसे देखता है। नई पीढ़ी क्या आदर्श प्राप्त करेगी। इसलिए दुर्भाग्य से देश का लोकतंत्र भीड़तंत्र बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिस देश में 19 करोड़ लोग रात को भूखे पेट सोते हैं उस गरीब देश के खजाने से हुल्लड़बाजी करने के लिए नेताओं को करोड़ों रुपये दिये जाते हैं। सदन समाप्त होने के बाद अब दोनों सदनों के अध्यक्ष कार्यवाही पर विचार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में भारत में सबसे अधिक कर्मचारियों की हड़तालें होती थीं। बहुत बड़ी समस्या थी। 1990 में काम नहीं तो वेतन नहीं लागू किया। 29 दिन की हड़ताल का वेतन नहीं दिया। तब से लेकर आज तक पूरी शांती हो गई है। सदन में यही नियम लागू किया जाए। कार्यवाही रोकने वाले सदस्य की पहले एक दिन का वेतन काटा जाए- बाद में पूरे महीने का वेतन काट लिया जाए । पूरी शांति हो जाएगी। यदि इसी प्रकार की शर्मनाक हुल्लड़बाजी पर अब भी कार्यवाही न की गई तो सारा देश सरकार और सम्माननीय अध्यक्षों पर होगा।