हिमाचल प्रदेश में फ़िर फैलता कोरोना का संक्रमण पाबंदियों के संकेत दे रहा है। हालांकि कि सरकार ने बॉर्डर पर कोरोना रिपोर्ट या वैक्सीनेशन के सर्टिफिकेट अनिवार्य किये हैं लेकिन वाजिब तौर पर ये पाबंदी नाम मात्र है।
इसी कड़ी में कांग्रेस ने प्रदेश में बढ़ते संक्रमण चिंता जताई और मामलों का संज्ञान लेते हुए उपचुनाव पर फैसला लेने की बात कही। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष ने कहा कि उपचुनाव को लेकर हो रही जनसभाओं में लोग आ रहे हैं। चुनाव होंगे उसमें भी लोग निश्चित रूप से शामिल होंगे। सरकार को चुनाव आयोग को वास्तुस्थिति से अवगत करवाना चाहिए तभी कोई निर्णय लेना चाहिए।
राठ़ौर ने ये भी जरूर कहा कि विपक्ष के नाते वह चुनावों से इंकार नहीं कर सकते। उनकी पार्टी चुनावों के लिए पूरी तरह से तैयार है। लेकिन कोरोना के मामले बढ़ना भी चिंता का विषय हैं। ऐसे में प्रदेश की जनता को ही ख़तरा बना रहता है। बॉर्ड़र पर पांबदियां बढ़ाने का अनुरोध किया था लेकिन सरकार ने एक नहीं मानी। आज मामले बढ़ रहे हैं वे सब बाहर से आ रहे लोगों का नतीजा है। तीसरी लहर के मद्देनजर इस बार मामले बढ़ते हैं तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार है।
इसमें कोई दो राय नहीं कि अचानक प्रदेश में मामले बढ़ने लगे हैं। अभी तक भी प्रदेश पुलिस सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का उपयोग के संदेश देती है। लेकिन ये संदेश नेताओं के कार्यक्रमों और रैलियों में नहीं लागू होते। ऐसे में कांग्रेस के सवाल जनता के अनुरूप सही नज़र आते हैं।