कोरोना की तीसरी लहर के खतरे के बीच जिले में संक्रमण का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। 10 दिनों में हर रोज औसतन 55 मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें से 18 वर्ष से कम आयु वाले करीब दस बच्चे भी हर रोज कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। यह गंभीर चिंता का विषय बन गया है।
आंकड़ों पर नजर डालें तो 10 से 19 अगस्त तक जिले में कोरोना संक्रमण के 604 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 116 बच्चे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, कोरोना संक्रमण का डेल्टा वेरियंट पहले के मुकाबले काफी घातक और खतरनाक है जिसकी मृत्युदर भी ज्यादा है।
वहीं कोरोना संक्रमण के मामले ऐसे ही बढ़ते रहे तो जल्द ही कोविड 19 की संभावित तीसरी लहर जिला व प्रदेश में न्योता दे सकती है । जिले में कोरोना मरीजों के उपचार के लिए केवल 775 ऑक्सीजन युक्त बिस्तरों और 65 आईसीयू की ही व्यवस्था है, जो 15 लाख की आबादी के लिए पर्याप्त नहीं है।
सीएमओ डॉ. गुदर्शन गुप्ता ने बताया कि अगर संक्रमण की तीसरी लहर से बचना है तो सतर्कता जरूरी है , कोविड-19 के नियमों की पालना से ही कोरोना संक्रमण से बचा जा सकता है। बच्चों को वैक्सीन नहीं लगी है, इसलिए इन्हें सख्ती से नियमों का पालना करना जरूरी है। उन्होंने बच्चों व उनके अभिभावकों से अपील की है कि बच्चों को भीड़ भाड़ वाले क्षेत्रों में न भेजें।