केंद्र सरकार द्वारा सरकारी संपत्तियों की बेचने पर देश-प्रदेश में कांग्रेस विरोध जता रही है। इसी कड़ी में हिमाचल से पूर्व मंत्री जीएस बाली ने जोरदार ढंग से आवाज़ उठाई है और केंद्रीय मंत्री की ख़बर का हवाला देते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा। जीएस बाली ने कहा कि पहले मैं देश नहीं बिकने दूंगा का जुमला फेंका गया था, लेकिन अब नौबत ये आ गई है कि सरकारी संपत्तियों को बेचा जा रहा है। यहां तक संपत्तियों बेचने को मास्टर प्लान तक बताया जा रहा है जो कहां तक सही है।
जीएस बाली ने कहा कि जनता महंगाई से त्रस्त है और युवा वर्ग को नौकरी तक नहीं मिल रही। केंद्र की इस निकम्मी सरकार ने नोटबंदी से इकोनॉमी पर एक्सपेरिमेंट कर डाले और सब कुछ तबाह कर डाला। हैरानी इस बात की अभी भी ड्रामेबाज़ी जारी है और अभी भी जनता को बेवकूफ की स्थिति में रखा जा रहा है। केंद्र स्तर पर सिर्फ दिखावा ही चल रहा है, लेकिन बात की जाए वाकेई में देश की देश खोखला हो चुका है। केंद्र सरकार को देश और जनता के बारे में सोचना चाहिए, न की कुछ ख़ास लोगों को फायदा पहुंचाकर देश की संपत्तियों को बेचना चाहिए।
वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की संपत्ति को बेच रहे हैं। मोदी सरकार ने लोगों का रोजगार छीना है और अब प्रधानमंत्री ने देश का सब कुछ बेच दिया है। किसी को नहीं पता कि 40 साल की लीज के बाद क्या परिणाम होगा। देश की संपत्तियों को बेचने में किसी से सलाह नहीं ली गई है। रेलवे, पोर्ट के कर्मियों को कोई राय नहीं ली गई है। संपत्तियों को बेचा जा रहा है और किसे बेचा जा रहा है, सभी को मालूम हो। सरकार दो-चार उद्योगपतियों को संपत्तियां बेच रही है। राहुल का कहना है कि सरकार इसके जरिए देश की संपत्तियों पर एकाधिकार किया जा रहा है। एकाधिकार के जरिए आनौपचारिक सेक्टर को बर्बाद किया जा रहा है।