चामुंडा के जदरांगल में हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयू) के निर्माण पर काले बादल छा सकते हैं। एक सप्ताह पहले आई स्टेट जियोलॉजिकल सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक जदरांगल स्थित जमीन भवन बनाने के लिए माकूल नहीं है।
अब इस रिपोर्ट को जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया कोलकाता के पास भेजा दिया गया है। अगर वहां से कोई सकारात्मक जवाब नहीं आता है तो जदरांगल में बनने वाले केंद्रीय वि.वि. के हिस्से के कार्य पार ताला लटक सकता है।
जदरांगल में लगभग 650 एकड़ भूमि केंद्रीय वि.वि. के निर्माण के लिए चिह्नित की गई थी। इसमें केवल 50 एकड़ भूमि ही सी.यू. प्रशासन के पास स्थनांतरित हुई है। शेष वन भूमि को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने निर्माण के लिए अभी तक मंजूरी नहीं दी है।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की क्षेत्रीय टीम ने फरवरी में इस प्रस्तावित भूमि का सर्वे कर इसका जियोलॉजिकल सर्वे करवाने के निर्देश दिए थे। अब सर्वे की रिपोर्ट आ गई है, जिसमें इस भूमि को भवन निर्माण के लिहाज से उचित नहीं पाया गया है। गौर रहे कि हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय का धर्मशाला में 30 जबकि देहरा में 70 फीसदी हिस्सा बनना है।
देहरा में विभाग को पर्याप्त भूमि मिल चुकी है। इससे पहले स्टेट जियोलॉजिकल टीम ने धर्मशाला के खनियारा की जमीन को नकार चुकी है।