एनआईटी हमीरपुर में रजिस्ट्रार की गलत नियुक्ति की अफवाह फैलाने पर असिस्टेंट प्रोफेसर को निलबिंत किया गया है। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) हमीरपुर के एक असिस्टेंट प्रोफेसर ग्रेड-दो मनोज कुमार को अनुशासनहीनता और सोशल मीडिया पर झूठी अफवाह फैलाकर संस्थान को बदनाम करने के आरोप में तीन माह के लिए सस्पेंड कर दिया है। आरोपी एनआईटी हमीरपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर ग्रेड-दो के पद पर सेवारत है। जांच कमेटी ने प्रथम दृष्टया में उसे दोषी पाया है। एनआईटी हमीरपुर के कार्यकारी निदेषक प्रो ललित अवस्थी ने बताया कि रजिस्ट्रार की गलत नियुक्ति की अफवाह सोशल मीडिया पर फैलाने पर जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद कार्रवाई की गई है।
एनआईटी हमीरपुर के कार्यकारी निदेषक प्रो ललित अवस्थी ने बताया कि एक अस्टिटेंट प्रोफेसर को सस्पेंड किया गया है। इस मामले में अभी और भी नाम सामने आने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि नई दिल्ली में एक छात्र का नाम भी इस मामले में संलिप्त पाया गया है जिसे भी कानूनी नोटिस भेजा गया है। दिल्ली के आईआईटी संस्थान के छात्र ने भी इस मामले में व्हाटसप्प ग्रुप में भेजा था जिसके चलते अभी इसकी पड़ताल की जा रही है।
गौरतलब है कि कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर संस्थान के निदेशक ने यह कार्रवाई की है। मामले की उच्च एवं विभागीय जांच के लिए एक कमेटी का गठन भी किया है और कमेटी जांच कर चार्जशीट पेश करेगी। इसके साथ ही दिल्ली आईआईटी के जिस अधिकारी ने व्हाट्सएप ग्रुप पर इस मैसेज को वायरल किया था, उसे भी कानूनी नोटिस भेजा गया है।
वहीं, एनआईटी हमीरपुर के मेकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर ग्रेड दो ने संस्थान के रजिस्ट्रार की नियुक्ति को गलत बताते हुए संस्थान के निदेशक और एनआईटी बीओजी की चेयरमैन पर पैसों के लेनदेन जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। इस सारे मामले में उन्होंने एक ईमेल जारी किया था। जिसे बाद में आईआईटी दिल्ली के व्हाट्सएप ग्रुप पर वायरल किया गया।