राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर आज अपने लाहौल-स्पीति के दो दिवसीय दौरे के दौरान समदो आर्मी हैलीपैड पहुंचे, जहां सैन्य अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। आर्लेकर का हिमाचल के जनजातीय क्षेत्र का यह पहला दौरा है। उनके यहां आने का मुख्य उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्र में तैनात सैनिकों की कलाइयों पर गोवा राज्य से भेजी गई राखियां बांधने का था। स्कूली छात्राओं द्वारा तैयार इन राखियों को लेकर वह स्वयं सैनिकों तक पहुंचे। इस दौरान लेडी गवर्नर श्रीमती अनघा आर्लेकर भी उनके साथ थीं।
राज्यपाल ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि वह स्वयं यहां आकर देश के वीर सिपाहियों को राखी बांधकर उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बनने से पहले भी वह गोवा राज्य में राखी के पावन पर्व पर राखियां इक्ट्ठा कर सीमाओं पर तैनात सैनिकों को भिजवाते थे। लेकिन, इस बार उन्हें राज्यपाल के तौर पर यहां आने का अवसर प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि हमें अपने सैनिकों पर गर्व है, जो दिन-रात कठिन परिस्थितियों में ऐसे दुर्गम क्षेत्रों में तैनात रहकर दुश्मनों से हमारी सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं। हम अपने इन बहादुर सिपाहियों के प्रति प्रेम का भाव इस रूप में प्रकट कर सकते हैं ताकि हमारी भावी पीढ़ी में राष्ट्रभक्ति की भावना जागृत रहे। राज्यपाल ने सैनिकों से संवाद किया और अपने अनुभव भी सांझा किए।
इस मौके पर, लेडी गवर्नर ने सैनिकों के मध्य देशभक्ति का गीत गाकर सैनिकों में और जोश भर दिया। ‘‘चंदन है इस देश की माटी, तपोभूमि हर ग्राम है, हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा-बच्चा राम है’’-गीत गाकर उन्होंने वीर सैनिकों के राष्ट्रभक्ति के जज्बे को सलाम किया। बाद में, राज्यपाल समदो आर्मी हैलीपैड से लेपचा आउटपोस्ट भी गए और वहां इडियन तिब्बत बार्डर पुलिस के जवानों से बातचीत की। इस मौके पर एडीएम मोहन दत्त शर्मा , डीएसपी रोहित मृग पूरी सहित सेना के आला अधिकारी मौजूद रहें।