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60 हजार करोड़ के कर्ज में डूबी हिमाचल सरकार फिर लेने जा रही 1 हजार करोड़ का कर्ज

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कर्जे में डूबी हिमाचल प्रदेश सरकार एक बार फिर से 1000 करोड़ रुपये कर्ज लेने जा रही है। राज्य सरकार के वित्त विभाग ने इस संबध में अधिसूचना जारी की है। यह ऋण राज्य में विकास कार्यों के नाम पर 1000 करोड़ रुपये लोन लिया जा रहा है। अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना ने इस संबंध में दो अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी की हैं।

अधिसूचनाओं के अनुसार, 500 करोड़ रुपये का कर्ज अगले 10 साल, जबकि 500 करोड़ रुपये का दूसरा लोन 11 वर्ष साल के लिए लिया जाएगा। पहला कर्ज एक सितंबर, जबकि दूसरा ऋण एक सितंबर 2032 तक चुकता करना होगा। कर्ज लेने के लिए प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार की स्वीकृति भी ली है। इसके लिए हिमाचल सरकार की प्रतिभूतियों की नीलामी होगी, इन्हें भारतीय रिजर्व बैंक विभिन्न बोलीदाताओं को आमंत्रित करेगा।

खबर ये भी है कि कर्मचारियों और पेंशनरों के वेतन, पेंशन के अलावा महंगाई भत्ते और अन्य देनदारियों के लिए सरकार को कर्ज की जरूरत पड़ रही है। राज्य की माली हालत पहले ही खराब है। ऐसे में खर्चे चलाना मुश्किल हुआ है।

बता दें कि हिमाचल प्रदेश पर पहले ही साठ हजार करोड़ रुपये के कर्ज तले दबा हुआ है। कांग्रेस सरकार में यह कर्ज 45 हजार के करीब था। लेकिन अब भाजपा के राज में यह 60 हजार करोड़ तक पहुंच गया है।