इस सप्ताह लगातार पांचवें दिन भी घंटों तक चंडीगढ़ मनाली मार्ग मंडी और पंडोह के बीच पहाड़ियों के दरकने से बंद रहा। मंडी से आगे सात मील पर लगातार चट्टानें और भारी मलबा सड़क पर आ रहा है। गुरुवार आधी रात को मंडी पंडोह के बीच सात मील के पास पहाड़ियों के दरक जाने से यह मार्ग बंद हो गया जो शुक्रवार को पूरा दिन भी नहीं खुल पाया।
रात को जब यह मार्ग भारी चट्टानें व मलबा आने से बंद हुआ, उस वक्त जरूरी आपूर्ति ले जाने वाले तेल टैंकर और अन्य वाहन, पर्यटक वाहन जो सुबह सुबह मनाली के लिए निकलते हैं, खाने पीने का सामान ले जाने वाले वाहन, रोजाना रूट पर चलने वाली गाड़ियां, मनाली कुल्लू घाटी की ओर से सब्जी और सेब से लदकर आने वाले ट्रक टैंपों सब दोनों ओर रूक गए। इसी बीच तेज बारिश चलती रही जो दिन के 11 बजे के आसपास ही जाकर धीमी हुई। मगर मार्ग फिर भी खुल नहीं सका।
बता दें कि फोरलेन के लिए हो रही अवैज्ञानिक कटिंग के चलते पूरा पहाड़ ही सड़क पर बड़ी बड़ी चट्टानों के साथ आ रहा है और इससे सड़क टूट भी रही है और बाधित भी हो रही है। जब तक पुलिस आगे जा रहे वाहनों को मंडी के भियूली में रोक कर रास्ता बंद होने की सूचना देती और जरूरी वाहनों को वाया कटौला होकर कुल्लू मनाली जाने को आदेश देती तब तक सात मील जहां पर चट्टानें आई थी के दोनों ओर लगभग 20 किलोमीटर का लंबा जाम लग चुका था। अब न तो वाहन पीछे हटने लायक रहे थे और न आगे जाने लायक। सड़क पर मीलों तक जमे वाहन व्यवस्था की पोल खोलते रहे और इनमें सवार लोग,चालक परिचालक, पर्यटक, बच्चे बूढ़े जवान, महिलाएं सब कई घंटे तक सड़क पर भटकने को मजबूर हुए। शहर से दूर होने के कारण इस क्षेत्र में खाने पीने की व्यवस्था भी कम है। मीलों तक वीरान जंगल है। ऐसे में पूरा दिन लोग सरकार और प्रशासन को कोसते रहे।
स्थानीय एसडीएम रितिका जिंदल ने भी मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया मगर लंबे जाम के आगे कुछ नहीं हो पाया। हैरानी यह है कि बरसात के चलते कटिंग के काम को बंद रखने के आदेश दिए गए हैं मगर कुछ ठेकेदार अपने निजी लाभ को लेकर इस काम को जारी रखे हुए हैं जिससे बार बार पहाड़ गिर रहे हैं। कई वाहन इनकी चपेट में आकर दब चुके हैं, कई बार लोगों का मौत से सामना हुआ है। इस मार्ग पर सफर करना खतरे से खाली नहीं है। प्रशासन सख्त कदम उठाने की बजाय महज चेतावनी देकर अपने फर्ज से इतिश्री कर रहा है जबकि अवैज्ञानिक कटिंग को रोक कर खतरे को कम करने की दिशा में कोई काम नहीं हो रहा है।
इधर, शुक्रवार को भी सुबह से मूसलाधार बारिश पूरे जिले में होती रही। इस बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह से तहस नहस व अस्त व्यस्त कर दिया है। सड़कें रास्ते टूट गए हैं, दर्जनों सड़कें बंद पड़ी हैं, फसल को भी नुकसान होने लगा है क्योंकि मक्की धान की फसल अब तैयारी की ओर है जो खेतों में बिछ रही है। नदी नाले उफान पर हैं। लोग बारिश से अब घबराने लगे हैं। लगता है मानसून के विदा होने तक लोगों में इसका खौफ बढ़ता ही जाएगा।
वहीं, इस बारे में पुलिस अधीक्षक मंडी शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि भारी भूसख्लन के चलते मार्ग बंद हुआ है, बारिश के चलते इसे खोलने में कठिनाई आ रही है। लोगों को इस मार्ग पर जाने से बचना चाहिए। दोनों ओर होमगार्ड के जवान तैनात किए गए हैं ताकि वाहनों को आगे जाने से रोका जा सके। वाहनों को वैकल्पिक मार्ग वाया कटौला होकर भेजा जा रहा है।