बीजेपी के 44 विधायक तो जीत हैं लेकिन अब सबसे बड़ी चुनौती मंत्रिमंडल में जातीय और क्षेत्रीय समीकरण बिठाने की होगी। क्योंकि, इस बार कई फैक्टर्स देखने को मिल रहे हैं, जिससे साफ जाहिर है कि कैबिनेट में स्थान देना एक टेढ़ी खीर साबित होने वाला है।
कांगड़ा से बड़ा ब्राह्मण नेता नहीं, ओबीसी के मंत्री तय
सूबे के सबसे बड़े जिला कांगड़ा की बात करें तो 11 सीट देने वाले कांगड़ा से तीन मन्त्री बनना तो तय है। लेकिन यहाँ पांच नाम ऐसे है जिनको मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। धर्मशाला से किशन कपूर, ज्वालामुखी से रमेश धवाला, शाहपुर से सरवीण चौधरी लेकिन ये तीनों ही ओबीसी से संबंध रखते हैं। इसलिए हो सकता है कि तीनों में से दो को ही मंत्रिमंडल में जगह मिले। इसके अलावा सुलह से विपिन परमार, विक्रम जसवां और नूरपुर से राकेश पठानिया भी मन्त्री पद की दौड़ में हैं।
मंडी से अनिल शर्मा और महेंद्र ठाकुर को बड़ी जिम्मेदारी संभव
मंडी जिला का मुख्यमंन्त्री बन चुका है इसलिए यहां से महेन्द्र ठाकुर एवम अनिल शर्मा का मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है। जिससे ब्राह्मण का जातीय समीकरण भी फिट हो जाएगा। अनिल शर्मा चुनाव के दौरान ही कांग्रेस का साथ छोड़ बीजेपी में शामिल हुए थे। इस दौरान चुनाव में उनकी भी अग्नि-परीक्षा थी। मंडी से बीजेपी के खाते में आई सीटों की संख्या से अनिल शर्मा को दोहरी राहत मिली है।
किसके खाते में क्या आएगा?
जयराम ठाकुर की कैबिनेट की बात करें तो सुरेश भारद्वाज, राजीव बिन्दल, महेन्द्र सिंह, अनिल शर्मा, सरवीण चौधरी, गोविंद ठाकुर, किशन कपूर, राम लाल मारकंडेय, वीरेन्द्र कंवर को मंत्रिमंडल में शामिल करने की संभावना है। जबकि विपिन परमार विधानसभा अध्यक्ष हो सकते हैं।
शिमला में बीजेपी ने आठ में से तीन सीट जीती हैं, यहां से सुरेश भारद्वाज का नाम मंत्री पद के लिए सबसे आगे चल रहा है। जबकि जुब्बल कोटखाई से नरेन्द्र बरागटा भी मंत्री पद की दौड़ में है। सिरमौर जिला से नाहन के राजीव बिन्दल का नाम भी मंत्री पद के लिए तय माना जा रहा है। सोलन से राजीव सैजल भी मंत्री पद की दौड़ में शामिल है। इसके अलावा कबायली क्षेत्र से रामलाल मार्कंडेय को भी विधानसभा उपाध्यक्ष या फिर मंत्री बनाया जा सकता है।
ऊना से वीरेन्द्र कंवर को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। चम्बा जिला से हंस राज एवम विक्रम जरियाल दोनों में से किसी एक को मंत्री बनाया जा सकता है। हंस राज रिज़र्व से आते है इसलिए उनका पलड़ा यहां भारी नज़र आ रहा है। कुल्लू जिला के मनाली से गोविंद ठाकुर को मंत्री पद मिल सकता है। बचा हमीरपुर और बिलासपुर जिला तो यहां से भी सीपीएस या फिर किसी निगम बोर्ड का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद मिल सकता है।