हिमाचल की राजधानी शिमला की जोशिता शर्मा ने एक ऐसे उपकरण का अविष्कार किया है,जो सड़क हादसों में कमी लाएगा। जिससे कीमती जिंदगियां बचाने में मदद मिलेगी। जोशिता को इस आविष्कार के लिए नेशनल लेवल का डॉ. अब्दुल कलाम इग्नाइट अवार्ड मिला है।
जोशिता ने इस उपकरण का नाम Pothole and Manhole Sensor रखा है जिससे रास्तों के गड्ढों की सूचना पहले ही मिल जाएगी, जिससे सड़क हादसों में कमी आएगी। नेशनल लेवल पर स्कूली बाल वैज्ञानिकों के लिए कम्पीटिशन करवाने वाली संस्था National Innovation Foundation ने जोशिता के इस आविष्कार का पेटेंट भी करवाया है। जोशिता प्रदेश की पहली ऐसी स्कूली छात्रा वैज्ञानिक है, जिसे राष्ट्रीय स्तर पर अवार्ड मिला है।
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मिला अवार्ड
संस्था की ओर से 22 दिसंबर को अहमदाबाद में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के हाथों यह अवार्ड दिया गया है। कान्वेंट ऑफ जीजस एंड मैरी चैल्सी की दसवीं की छात्रा जोशिता ने अगस्त माह में इस स्पर्धा के लिए एंट्री भेजी थी। जोशिता के पिता अमित कुमार और माता बिंदु जोशी का कहना है कि बेटी की यह उपलब्धि पूरे प्रदेश के लिए गौरव की बात है।
यहां से मिला आइडिया
जोशिता ने कहा कि उसे इस उपकरण को बनाने का आइडिया मुंबई में सड़कों पर पानी भर जाने से हुई एक व्यक्ति की मौत से आया? वहीं हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्यों में खराब सड़कों के कारण हर वर्ष होने वाली मौतों में कमी लाने के लिए ऐसा कुछ बनाने की सोची, जिससे खतरे का पहले आभास हो जाए।