लोकसभा और विधानसभा में 33 फीसदी आरक्षण देने की मांग को लेकर आज देशभर में महिलाओं के द्वारा संघर्ष किया जा रहा है। इसी कड़ी में जनवादी महिला समिति ने महिला आरक्षण बिल की मांग को लेकर उपायुक्त शिमला कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर मोदी सरकार से इसे लागू करने की मांग की।
जनवादी महिला समिति की अध्यक्ष फालमा चौहान ने कहा कि 12 सितंबर 1996 को सदन में महिला आरक्षण एचडी देवेगौड़ा की सरकार के समय लाया गया लेकिन पास नहीं हो पाया। वहीं, 2010 में यह राज्यसभा में पास हुआ लेकिन लोकसभा में पास नहीं हो सका। महिलाओं के संघर्ष के आज 25 वर्ष हो गए हैं लेकिन जहां नीति निर्धारण से उन्हें अभी तक दूर रखा गया है। उन्होंने कहा कि स्वयं को महिला हितेषी बताने वाली मोदी सरकार को इस बिल को लागू करना चाहिए।