मंडी में कलयूगी मां द्वारा बीते रविवार को मंडी शहर के बीचों बीच सुकोहडी पुल के नीचे नाले में फेंकी हुई मिली दो जुड़वां नवजात बच्चियों का मामला अब हत्या का मामला भी बन गया है। बच्चियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि बच्चियों की मौत सिर पर चोट लगने के कारण हुई थी। पुलिस ने अब इस मामले में मां के खिलाफ हत्या का मामला भी जोड़ दिया है।
पुलिस ने इस मामले में दूसरे ही दिन उस कलयुगी मां को दबोच लिया था जिसने नाटकीय तरीके से अपनी तीन-तीन माह की जुड़वा बेटियों को शुक्रवार की आधी रात को नाले में फेंक दिया था और फिर अपने ससुराल जाकर यह जताने की कोशिश की थी कि उसकी प्रेमी से अनबन हो गई है और वह अब यहीं रहना चाहती है। उसके पति और अन्य परिजनों को उसकी नीयत पर शक हो गया था क्योंकि वह ससुराल में न रखने पर उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाकर फंसाने की धमकी दे रही थी। इसकी खबर उन्होंने पुलिस अधीक्षक को मिलकर कर दी थी।
महिला के पुलिस के हत्थे चढ़ जाने के बाद खुलासा हुआ था कि ये बच्चे उसके प्रेमी के थे जिसके साथ वह पहले ही अपने पति से पैदा हुई दो बच्चियों को छोड़कर एक साल पहले भाग गई थी। कलियुगी मां इन दिनों पुलिस रिमांड पर है। पुलिस ने इस मामले पहले हत्या की धारा नहीं लगाई थी क्योंकि यह भी माना जा रहा था कि हो सकता है उसने अपनी बच्चियों को जिंदा ही नाले में रख दिया हो और वह भूख और ठंड से मर गई हों ।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आशीष शर्मा ने बताया कि अब पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में मौत का कारण सिर पर गहरी चोट और जख्म होना पाया गया है तो इसमें धारा 302 जोड़ी गई है। इस मामले में पुलिस ने शुक्रवार को जिस धर्मशाला त्रिलोकपुर बस से यह मां अपनी बच्चियों को लेकर आई थी उसके परिचालक व जिस ऑटो से वह मंडी बस स्टैंड से अपनी बच्चियों को लेकर सुकोहडी पुल जो उसके ससुराल के साथ ही है तक पहुंची थी। पाया गया कि उस समय बच्चियां जिंदा और ठीक ठीक थीं। उसने उन्हें शुक्रवार रात 12 बजे के बाद वहां पर फेंका मगर इसका पता रविवार सुबह ही लग पाया क्योंकि यह जगह कुछ ओट में है।
इस पूरे मामले को लेकर मंडी में अजीब सा सन्नाटा है। हर कोई यह सोच कर सन्न है कि क्या कोई मां इस तरह की क्रूरतम हरकत भी कर सकती है जबकि आजकल बच्चों को गोद लेने वाले बहुत हैं। फिर मंडी के जोनल अस्पताल में तो बकायदा बाल संरक्षण अधिकारी की ओर से एक पालना रखा गया है ताकि कोई भी अपनी अनचाही औलाद को उसमें रख दे और वह किसी पात्र को गोद दी जा सके।