कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी शुक्रवार को हिमाचल में चुनावी हार की समीक्षा करने आए थे। इस दौरान हार की समीक्षा तो हुई और सभी नेताओं ने हार के लिए एक-दूसरे को दोषी ठहराने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस बीच समीक्षा बैठक में विधायक का थप्पड़-कांड भी खूब चर्चा में रहा है औऱ राहुल गांधी ने विधायक आशा कुमारी को लताड़ लगाई।
राहुल ने कहा कि हम गांधी वादी लोग हैं और इस तरह की घटना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गुस्से को प्यार से खत्म करना ही कांग्रेस की विचारधारा है। आशा कुमारी ने जो किया है वे नहीं होना चाहिए और मैं इससे खुश नहीं हूं। ये सब करना बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं का काम है।
उधर, बैठक में पार्टी की खेमेबाजी भी उजागर हुई है। कुछ ने हार के लिए पार्टी के खिलाफ चुनाव में उतरे निर्दलीय उम्मीदवारों को दोषी ठहराया, जबकि कुछ ने पार्टी की निष्क्रियता को दोष दिया और कहा कि चुनाव में पार्टी के कार्यकर्ता नजर नहीं आए। इस दौरान राहुल गांधी ने माना कि हिमाचल में पार्टी एकजुट होकर चुनाव नहीं लड़ी। इस कारण यहां परिणाम अच्छा नहीं रहा।
राहुल गांधी ने कहा कि कई जगह कुछ नेताओं ने खुद को बड़ा नेता बताया, लेकिन वे चुनाव हार गए। बड़ा नेता कोई नहीं है, सब बराबर हैं और जो काम करेगा, वह आगे आएगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि पार्टी के काम में सभी लोग जुट जायें। राज्य में सत्तासीन हुई बीजेपी और केंद्र सरकार के कामकाज को लेकर लोगों के बीच जाएं।