लद्दाख में चीन की हलचलें इन दिनों फिर से तेज हो चुकी हैं। ईस्टर्न लद्दाख में चीन ने भारी संख्या में फिर से अपने सैनिकों की तैनाती शुरू कर दी है। इस बात की पुष्टि आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे ने की है।
लद्दाख मसले पर भारत और चीन के बीच होने वाली 13वें दौर की वार्ता से पहले भारतीय थल सेना के चीफ जनरल एम.एम नरवणे ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि चीन ने काफी संख्या में सेना बल लद्दाख सीमा पर तैनात कर रखा है। जनरल ने इस ओर भी इशारा किया कि ये मसला अभी भी चिंता का विषय बना हुआ है।
नरवणे ने कहा चीन ने हमारी पश्चिमी कमांड में पश्चिमी और उत्तरी लद्दाख सीमा पर काफी संख्या बल में सैनिकों की तैनाती कर रखी है। सीमा पर चीन के सैन्य बल में बढ़ोतरी से हमारी चिंता बढ़ गई है। उन्होंने आगे कहा हम चीन पर नजर बनाये हुए हैं। जो सूचनाएं हमे मिल रही हैं उस अधार पर हम सैन्य बल और आधारभूत ढांचे को चीन के मुकाबले मज़बूत कर रहे हैं। हम इस समय किसी भी तरह की कार्रवाई का जवाब दे सकते हैं।
गौरतलब है कि इसके अलावा भारत के दूसरी सीमाओं में भी चीन की घुसपैठ की खबरें आ रही हैं। अंग्रेजी अख़बार ‘इकोनॉमिक्स टाइम्स’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक 30 अगस्त को चीनी सेना ने उत्तराखंड से सेट सीमावर्ती इलाकों में घुसपैठ किया और सैकड़ों की संख्या में चीनी सेना 5 किलोमीटर भारतीय सीमा में दाखिल हुई। इस दौरान पुलिस और दूसरे कंस्ट्रक्शन के क्षतिग्रस्त किए जाने का भी रिपोर्ट में जिक्र किया गया।
वहीं, अब इस बीच नरवणे शुक्रवार को दो दिन के लद्दाख दौरे पर पहुंचे थे। वहां आर्मी चीफ ने रेझांग ला वॉर मेमोरियल का दौरा किया। आपको बता दें कि रेझांग ला और रेचिन ला में भारतीय और चीनी सेना में तनातनी खत्म हो गई है। गोग्रा पोस्ट में भी दोनों सेनाओं में गतिरोध खत्म हो गया है लेकिन अब भी हॉट स्प्रिंग और देपसांग इलाके में सेनाएं आमने- सामने तैनात हैं।