उपचुनाव के लिए प्रचार करने हिमाचल पहुंचे कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला ने भाजपा को जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि अपराधी और भ्रष्टाचारी को बचाने में भाजपा को महारत हासिल है। इसका उदाहरण देश के गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा से साफ है जिसने किसानों को कुचल कर मार डाला और अब उसे बचाया जा रहा है।
प्रभारी ने कहा कि मेरे लिए मंडी का चुनाव सबसे महत्वपूर्ण है, इसीलिए मैं चुनाव प्रचार के शुरू में ही मंडी पहुंच गया। यह चुनाव देश के दिशा व दशा दोनों का संकेत देगा। ऐसी महंगाई उन्होंने कभी नहीं देखी। नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभालने से पहले वायदा किया था कि वह 40 रूपए लीटर पैट्रोल देंगे जो आज 100 रूपए में मिल रहा है, डीजल 100 को पहुंचने वाला है, गैस की कीमतें कहां पहुंच गई हैं। अब तो देश के लोग कह रहे हैं कि आपने जो अच्छे दिन आएंगे की बात की थी उसने अपने पास रख लो, हमें वह बुरे दिन ही लौटा दो जो यूपीए सरकार में थे।
शुक्ला ने कहा मोदी सरकार 5 रूपए का काम और 50 का प्रचार करती है जबकि मनमोहन सरकार में काम 50 और प्रचार महज 5 का होता था। दिल्ली की आप सरकार तो इनसे भी आगे जाकर 5 रूपए का काम और 100 रूपए का प्रचार करती है। इनकी ढिंढोरा पीटने में मास्टरी रही है। अटल टनल के लिए सारा पैसा यूपीए सरकार ने दिया मगर श्रेय भाजपा लेने की कोशिश कर रही है। मंडी की जनता जाग गई है, मंडी का क्षेत्र महत्वपूर्ण है, लोगों ने कांग्रेस को जिताने का मन बना लिया है। चारों सीटें कांग्रेस हासिल करेगी और सरकार से जवाब मांग कर उसे सबक सिखाएगी।
कांग्रेस प्रभारी ने कहा कि प्रदेश के विकास में वीरभद्र सिंह के योगदान को कोई भुला नहीं सकता, उनकी पत्नी चुनाव मैदान में है। सबने यही अनुरोध किया कि वीरभद्र सिंह को सम्मान और भावभीनी श्रद्धांजलि देने के लिए उनकी पत्नी को टिकट दिया जाए। ऐसे में वह मतदाताओं से अपील कर रहे हैं कि वीरभद्र सिंह की याद में केंद्र व प्रदेश सरकार को सबक सिखाने के लिए कांग्रेस को अपना वोट दें। चुनाव प्रचार से गायब रहने और वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ टिप्पणियां करने वाले कांग्रेस के महासचिव व पर्यवेक्षक जो पिछले चुनावों में कांग्रेस के उम्मीदवार थे के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस प्रभारी ने कहा कि अभी तो प्रचार शुरू ही हुआ है, सब ठीक हो जाएगा, कांग्रेस में सब साथ हैं, लड़ाई तो भाजपा में ज्यादा है। कांग्रेस ने सभी चारों टिकट नेताओं की सहमति से दिए हैं जबकि भाजपा में बुरा हाल है।