भाजपा के मुख्य प्रवक्ता रणधीर शर्मा ने कांग्रेस के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि पूरा देश जानता है कि पूर्व सैनिक 45 साल वन रैंक वन पेंशन की लड़ाई लड़ते रहे हैं। जिसमें चालीस साल तक कांग्रेस का शासन रहा है। लेकिन मोदी सरकार ने सत्ता में आते ही नवंबर 2015 को ऐतिहासिक फैसला लेकर लाखों पूर्व सैनिकों की इस मांग को पूरा किया है। उन्होंने कहा कि इस पर 42 हजार करोड़ से ज्यादा राशि एक साल में खर्च होती है।
भाजपा मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि सही मायने में शहीदों का सम्मान 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान शुरू हुआ है। इससे पहले शहीदों की क्या स्थिति थी शहीदों के शव घर आने के बजाय उनके बंद ट्रंक में सामान ही वापस आते थे। लेकिन अटल बिहारी बाजपाई ने प्रधानमंत्री बनने के बाद हर शहीद का शव घर पहुंचने की व्यवस्था की और उनको सम्मान दिया। इसके अलावा शहीदों के परिवारों को रोजी-रोटी की व्यवस्था करने के लिए पेट्रोल पंप व गैस एजेंसी आदि दी गई। शहीदों के परिवारों से एक को सरकारी नौकरी दी गई। उन्होंने कहा कि सैनिकों और शहीदों के सम्मान की बात हो तो वो भाजपा की देन है। जबकि कांग्रेस सैनिकों का सम्मान नहीं करती है। उनकी प्रत्याशी कारगिल युद्ध को छोटा बता रही हैं यह बात शर्मनाक है।
कांग्रेस के मुददे भटकाने के बयान पर उन्होंने कहा कि क्या सैनिकों का मान सम्मान कोई मुद्दा नहीं। भाजपा उनके द्वारा अपमान करने पर बात कर रही है। तथ्यहीन बयानबाजी करके कांग्रेस जनता उपहास का कारण न बने। उन्होंने कहा कि हम केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियों से जीतेंगे। ब्रिगेडियर खुशाल के चुनाव में खड़े होने से कांग्रेस लड़खड़ा गई है । जिसके चलते बौखलाहट में तथ्यहीन बयानबाजी कर रहे हैं। कांग्रेस की प्रत्याशी मजबूर है, जबकि भाजपा के प्रत्याशी मजबूत हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की प्रत्याशी ने स्वयं कहा कि वह मजबूरी में चुनाव लड़ रही हैं। जबकि भाजपा के प्रत्याशी ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर मजबूत प्रत्याशी हैं।