कुल्लू जिले की लगघाटी के आंचल में बसे एक गांव में युवा खेलों में अपनी जीत के लिए पहले तो देवी मां से आशीर्वाद लेते है और फिर जीतने के बाद इनाम को भी उसी मन्दिर में चढ़ा देते है। युवाओं के इस काम के चलते मन्दिर में जीती हुई ट्रॉफियां का भी ढेर लग गया है।
लग घाटी के कडिंगचा में स्थित माता फुंगनी का मंदिर हर खिलाड़ी को जीत का आशीर्वाद देती है। लगवैली का सबसे ज्यादा दुर्गम गांव जिसमें करीब 3 सौ की आबादी है और गांव में लगभग 70 युवा हैं। आम युवाओं की तरह यहां के युवा भी खेलों में हिस्सा लेने के लिए टीम बनाकर आसपास के गांवों में जाते है।
किसी भी प्रतियोगिता में हिस्सा लेने और जीतकर लौटने के बाद सबसे पहले युवा गांव के पास बने फुंगणी माता के मंदिर में पूजा करते है और जीत की कामना करते हैं। जब ये जीत कर लौटते हैं तो अपना मेडल, ट्रॉफी, शिल्ड और स्मृति चिन्ह मंदिर में चढ़ा देते हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि इसके पीछे देव आस्था है। माता के मंदिर को सबसे ऊंचा स्थान माना जाता है। इसलिए वे ट्रॉफी और मेडल को मंदिर में लटकाते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह परंपरा काफी पुरानी है। युवाओं की टीम सबसे पहले मां का आशीर्वाद लेती है। गांववासियों का दावा है कि कभी भी गांव की टीम किसी टूर्नामेंट में नहीं हारी।