हिमाचल प्रदेश पुलिस कोरोना नियमों के नाम पर पर्यटकों से पैसे ऐंठने में लगी है। अगर नहीं तो फ़िर पुलिस द्वारा दोहरा चरित्र क्यों अपनाया जा रहा है।
दरअसल, पुलिस ने रिज मैदान शिमला और मालरोड पर बिना मास्क के घूम रहे लोगों के चालान किए, जिसमें ज्यादातर अन्य राज्यों से घूमने आए पर्यटक शामिल थे। पुलिस ने इस दौरान लोगों को सही ढंग से मास्क पहनने की हिदायत दी। लेकिन ये हिदायक सिर्फ पर्यटकों और आम लोगों तक ही सीमित है। प्रदेश में 4 जगहों पर उपचुनाव चल रहे हैं जिसमें शिमला का जुब्बल कोटखाई क्षेत्र भी शामिल है। ऐसे में वहां नेताओं द्वारा हो रहे प्रचार में पुलिस को कोई नियम कायद कानून नज़र नहीं आ रहे हैं। सिर्फ कोरोना नियमों के नाम पर पर्यटकों के चालान हो रहे हैं।
अगर पुलिस को वाकेई में कोरोना नियमों की इतनी चिंता है तो क्यों इन रैलियों में नेताओं और कार्यकर्ताओं को मास्क और डिस्टेंसिंग के लिए नहीं कहा जा रहा। सत्ता में बैठी सरकार के नेता और कार्यकर्ता तो नियमों को धज्जियां उड़ाते ही आए हैं लेकिन विपक्ष में बैठकर कोरोना के नाम पर खूब हल्ला करने वाले भी उपचुनाव में कोरोना नियमों को दरकिनार कर रहे हैं। दोनों ही दल चुनाव प्रचार के दौरान जमकर कोविड नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। चुनावी जनसभाओं में नेता न तो मास्क पहन रहे हैं और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जा रहा। वहीं, चुनाव आयोग भी कोविड नियमों की इस तरह अवहेलना करने पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं कर रहा।
कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आने के बाद राजधानी में पर्यटकों और अन्य लोगों की फिर से भीड़ बढ़ने लगी है। जिससे कोरोना को रोकने के लिए जारी एसओपी को लोग ठेंगा दिखा रहे हैं। शिमला के रिज मैदान और आसपास की जगहों में पर्यटको द्वारा मास्क न लगाना कोरोना को प्रदेश में निमंत्रण साबित हो सकता है। इसको देखते हुए शिमला पुलिस ने फिर से सख्ती बरतना शुरू कर दिया है।
वहीं, एएसपी शिमला सुशील कुमार ने बताया कि कोरोना अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। शिमला में पर्यटक वीकेंड पर काफी संख्या में पहुंच रहे हैं। लेकिन मास्क न पहनना सबके लिए खतरा साबित हो सकता है। पुलिस लोगों को मास्क पहनने के लिए जागरूक करने के साथ उल्लंघना करने वालों के चालान काट रही है।