110 मेगावाट बिजली पैदा करने वाली शानन विद्युत परियोजना को मुख्यमंत्री मंडी लोकसभा उपचुनावों में जोर शोर से उठा रहे हैं। उनका कहना है कि वह जल्द ही इस परियोजना को हिमाचल सरकार के अधीन लेकर आ जाएंगे।
दरअसल, जोगिंद्रनगर में चल रहा शानन प्रोजेक्ट इस समय पंजाब सरकार के पास 99 सालों की लीज पर है। अब ये लीज 2024 में खत्म हो रही है। ऐसे में हिमाचल के मुख्यमंत्री कुछ करें या ना करें ये परियोजना 2024 के बाद अपने आप ही हिमाचल के नियंत्रण में आ जाएगी। अब सवाल ये है कि क्यों मुख्यमंत्री मंडी उपचुनाव के दौरान इस शानन प्रोजेक्ट को केवल अपनी सरकार द्वारा लाने के दावे कर रहे हैं। इसी बीच देखना ये है कि क्या जयराम ठाकुर अपने बलबूते 2024 से पहले ही वे इस प्रोजेक्ट को हिमाचल लाने की तैयारी में है।
अगर ऐसा होता है तो ये तारिफ़ के काबिल है। अगर नहीं तो जयराम सरकार की पोल आने वाले वक़्त में खुद ब खुद खुल जाएगी। कहीं ऐसा तो नहीं मुख्यमंत्री मौका देख कर चौका मारने की फिराक में हों। सरकार का कहीं ये प्लान तो नहीं कि 2024 में जब सानन हिमाचल के पास आना ही तो क्यों ना इसे चुनावी मुद्दा बना कर इसे वापस लाने का सारा श्रेय लूट लिया जाए।
वैसे भी प्रदेश के मुखिया इन उपचुनावों में विकास के मुद्दों पर कम ही बोल रहे हैं। पर ऐसे मुद्दों को भाजपा सरकार उठाये भी तो कैसे। एक तरफ युवा बेरोजगारी से हताश हैं तो दूसरी ओर पेट्रोल शतक मार चुका है। ऐसे में मुख्यमंत्री के पास अपने आप होने वाले कामों का श्रेय लेने के सिवा चारा भी क्या बचता है।