शिमला: न्यायाधीश मोहम्मद रफीक ने हिमाचल हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का कार्यभार संभालते हुए पूरे कोर्ट के सामने गरीब और जरूरतमंदों को किफायती और जल्द न्याय दिलाने की बात कही है। न्यायधीश मोहम्मद रफीक ने बीते वीरवार को राज्यपाल विश्वनाथ आर्लेकर से पद एवं गोपनीयता की शपथ ली थी। आज फूल कोर्ट में उनका स्वागत किया गया।
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश का पदभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने अपने संबोधन में हिमाचल हाइकोर्ट के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि लोकतंत्र के तीन स्तम्भों में न्यायपालिका की अहम भूमिका है। हर व्यक्ति को न्याय मिले इसके लिए न्याय व्यवस्था को काम करना चाहिए।
न्यायाधीश मोहम्मद रफीक का जन्म 25 मई, 1960 राजस्थान में हुआ। न्यायाधीश मोहम्मद रफीक ने जयपुर यूनिवर्सिटी से वकालत की डिग्री प्राप्त कर राजस्थान हाईकोर्ट में वकालत की शुरू की। 15 मई, 2006 को उन्हें राजस्थान हाईकोर्ट में जज नियुक्त किया गया। दो मर्तबा रफ़ीक राजस्थान हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश भी रहे।
13 नवंबर, 2019 को न्यायाधीश मोहम्मद रफीक को मेघालय हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया। उसके बाद 27 अप्रैल, 2020 को इन्होंने ओडिशा हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश का पद संभाला। इसी साल 3 जनवरी, 2021 को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी। अब उनका तबादला हिमाचल हाइकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश के रूप में किया गया है।