कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर ने लोकसभा उप चुनाव को लेकर भीष्म प्रतिज्ञा लेकर सबको चौंका दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा प्रत्याशी ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर की गृह पंचायत नगवाई जो उनके ही गृह विधानसभा क्षेत्र द्रंग में आती है में यदि कांग्रेस को लीड नहीं मिलती है तो वे राजनीति से सन्यास ले लेंगे।
उन्होंने कहा कि मंडी लोकसभा उप चुनाव समेत तीनों विधानसभा चुनावों में कांग्रेस जीत का परचम फहराने जा रही है। भाजपा इस चुनाव में डरी हुई है, अगर ऐसा न हो तो मुख्यमंत्री को गली-गली जाकर नुक्कड़ सभाएं करने की आवश्यकता नहीं पड़ती। उसी तरह राजनीति से सन्यास ले चुके शांता कुमार को चुनाव प्रचार में लाना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री मंडी से है इस चुनाव से मुख्यमंत्री की कुर्सी खतरे में है, ऐसा कह कर लोगों को गुमराह किया जा रहा है।
कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि जब प्रतिभा सिंह चुनाव हारी थी तो वीरभद्र सिंह को इस्तीफा देना नहीं पड़ा था। वे सेना और सेना के अधिकारियों का सम्मान करते हैं। भाजपा ब्रिगेडियर को करगिल हीरो के रूप में प्रचारित कर रही है, जबकि असली हीरो तो वो हैं जो 527 जवान शहीद हुए हैं। असली हीरो शहीद कैप्टल बिक्रम बत्रा और कैप्टन सौरभ कालिया हैं, जिन पर हमें गौरव है, अपनी फौज जो सरहदों की रक्षा करती है।
उन्होंने कहा कि आज तक किसी भी प्रधानमंत्री ने फौज को राजनीति में नहीं लाया। सर्जीकल स्ट्राईक सेना करती है और उसका राजनीतिकरण नरेंद्र मोदी करते हैं। लाल बहादुर शास्त्री के समय में 1965 में भारतीय सेना ने लाहौर में तिरंगा फहराया था। ताशकंद समझौते के बाद ही भारतीय सेना वापस लौटी थी। उसी प्रकार 1971 में पाकिस्तान के करीब एक लाख सैनिकों ने कर्नल नियाजी के नेतृत्व में भारतीय सेना के समक्ष समर्पण किया था। लेकिन किसी ने सेना का राजनीतिकरण नहीं किया, बजाय मोदी सरकार के।
पूर्व मंत्री ने कहा कि इन चुनावों में महंगाई और बेरोजगारी मुद्दे हैं। बढ़ते हए दामों पर अंकुश लगाने में नरेंद्र मोदी और जयराम ठाकुर नाकाम रहे हैं। कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा सिंह को लेकर द्रंग के विधायक जवाहर ठाकुर की टिपणी अशोभनीय है। मगर हैरानी की बात तो यह है कि यह टिप्पणी उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के सामने शिवाबदार में की है। वे उन्हें ऐसा कहने से रोक सकते थे। कौल सिंह ने मांग की है कि भाजपा और मुख्यमंत्री इस बयान पर माफी मांगे और जवाहर ठाकुर सार्वजनिक रूप से बयान वापस ले।