मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की मानें तो अगर उपचुनावों में भाजपा का सूपड़ा साफ हो जाता है तो उनके नेतृत्व के ऊपर कोई सवाल नहीं उठेगा। ये बात उन्होंने समाचार पत्र ‘द ट्रिब्यून’ को दिये एक इंटरव्यू में कही है।
मुख्यमंत्री से जब पूछा गया कि भाजपा अगर हारती है तो क्या नेतृत्व में कोई बदलाव हो सकता है? इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले तो भाजपा का चुनावों में अच्छा प्रदर्शन न करने का कोई सवाल ही नहीं है। अगर ऐसा होता भी है तो नेतृत्व में बदलाव का कोई प्रश्न नहीं है। मेरी सरकार बहुत स्थिर है और मेरे खिलाफ कोई मुद्दे भी नहीं हैं। मैं हाईकमान के किसी भी फैसले को मानूंगा।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बड़े आत्मविश्वास के साथ ये बयान दिया है लेकिन अगर भाजपा हाईकमान के हाल में लिए फैसलों को देखा जाए तो भाजपा चुनावों में कोई भी सियासी खतरा मोल नहीं लेना चाहती। भाजपा का किला माने जाने वाले गुजरात को ही देख लीजिए। जैसे ही भाजपा को लगा कि पटेल वोटर उनसे छिटक सकता है विजय रुपाणी को हटा कर भूपेंद्र भाई पटेल को CM की कुर्सी पर बिठा दिया गया। उतराखंड में तो एक नहीं पिछले 1 साल में तीन मुख्यमंत्री देखने को मिले। वहीं, बीएस येदयुरप्पा जैसे कद्दावर नेता तक को CM के पद से हटना पड़ा।
अगर बात करें मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की तो जनता उनसे ज्यादा खूश नहीं दिख रही है। और तो और इन उपचुनावों में मुख्यमंत्री ने प्रचार का खुद ही बेड़ा उठाया था। अगर भाजपा हारती है तो इसका ठीकरा भी उनके सर ही पड़ेगा। प्रदेश भाजपा में मुख्यमंत्री के खिलाफ तो कोई अवाज नहीं उठ रही लेकिन आए दिन जयराम ठाकुर को दिल्ली तलब जरूर किया जाता रहा है।
रिजल्ट क्या होगा ये तो 2 नवंबर को ही पता चल पायेगा। पर इन चुनावों का जयराम ठाकुर की छवी पर जरूर फर्क पड़ेगा।