हिमाचल प्रदेश में जयराम सरकार पिछली सरकार के फैसलों को पलटने की तैयारी में है। ख़बर है कि 4 जनवरी को कैबिनेट की बैठक में वीरभद्र सरकार के फैसलों की समीक्षा की जाएगी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और उनकी कैबिनेट उन फैसलों की समीक्षा करेगी जो चुनाव से 6 महिने पहले लिए गए थे।
प्रदेश की नई सरकार विवादित और खर्च बढ़ाने वाले तमाम फसलों को पलटने की तैयारी में है। 1 अप्रैल2017 के बाद वीरभद्र सरकार ने हजारों भर्तियां करने का फैसला लिया था। उद्योग, राजस्व, शिक्षा, स्वास्थ्य तथा दूसरे प्रशासनिक विभागों के विभिन्न पदों पर भर्तियां की गईं। इनके अलावा कई शैक्षणिक संस्थान भी खोलने के फैसले लिए गए। चुनाव से ठिक पहले अनुबंध कर्मचारियों के नियमित होने की अवधि भी तीन साल कर दी गई। करोड़ों रुपये के पैकेज उद्योगों के नाम जारी किया गया। लेकिन, अब बीजेपी सरकार इनकी समीक्षा कर कैंची चलाने वाली है।
वीरभद्र कैबिनेट के इन फैसलों पर आपत्ति है
कांग्रेस की वीरभद्र सरकार ने अपने कार्यकाल में पिछले साल अप्रैल माह से विभिन्न विभागों में 4 हजार पदों पर भर्तियां की। इस दौरान कुल 7 बैठकों में अधिकांश लोक-लुभावन फैसले लिए गए। विधायकों को सस्ते मे जमीन देने और उद्योगों विभाग को करोड़ों का लाभ बड़ा मुद्दा रहा। चाय बागानों को लेकर बने नए नियम भी संदेह के घेरे में रहे। साथ ही साथ कर्मचारियों का मानदेय दोगुना कर दिया गया। बिना भवन के प्रावधान किए बगैर कई पीएचसी खोल दिए गए।
लोक निर्माण विभाग के कई उपमंडल, कई जगह उप-कोषागार और कई नए पटवार सर्किल बनाने की घोषणा हुई। नई सरकार के मुताबिक इन फैसलों से सरकार के खजाने पर बेवजह भार पड़ा है। लिहाजा इन फैसलों को निरस्त किया जा सकता है।