अयोध्या में इस बार जलाए जाने वाले दीपों की संख्या पिछले साल की तुलना में काफी अधिक है. उत्तर प्रदेश की सरकार ‘दीपोत्सव’ पर अयोध्या में 12 लाख दीये जलाएगी. अकेले राम की पैड़ी पर लगभग 9 लाख दीपक जलाए जाएंगे, राम जन्मभूमि परिसर में 51,000 दीपक जलेंगे, अयोध्या के प्राचीन मंदिरों और स्थानों पर 3 लाख से अधिक दीपक जलाए जाएंगे. इसके अलावा अयोध्या की 14 कोसी परिक्रमा के भीतर लगभग सभी पौराणिक स्थानों, कुण्डों, मंदिरों पर दीपक जलेंगे.
यही नहीं अयोध्या से इतर बस्ती जनपद के मखोड़ा धाम सहित 84 कोसी परिक्रमा के भीतर आने वाले कई स्थानों पर दीप जलेंगे. 12 लाख दीये के साथ ही योगी सरकार अयोध्या में दीये जलाने का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ देगी. इस कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद भी शामिल होंगे. इस दौरान सीएम योगी सरयू आरती भी करेंगे.
मखौड़ा धाम वही स्थान है यहां महाराज दशरथ ने पुत्रेष्ट यज्ञ कराया था. जिसके बाद राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न का महाराज दशरथ के घर जन्म हुआ था. इस बार बच्चों ने दीपोत्सव के लिए बहुत कठिन मेहनत की है. दीपोत्सव में इस बार 45 स्वयं सेवी सहायता के लोगों के अलावा 15 महाविद्यालय , 5 कॉलेज , 35 राम मनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी की अलग-अलग फैकल्टी के छात्र-छात्राएं वॉलिंटियर के रूप में अपना योगदान दे रहे हैं.
इनकी कुल संख्या 12 हजार के करीब है. ये सभी दीपकों को जलाने के लिए 36,000 लीटर सरसों के तेल का उपयोग करेंगे. इन्हें 32 टीमों में अलग अलग किया गया है. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के प्रोफेसर शैलेंद्र वर्मा को इसका नोडल अधिकारी बनाया गया है.
पिछले साल योगी आदित्यनाथ की सरकार ने ‘दीपोत्सव’ पर 6 लाख से अधिक दीये जलाए थे. सरकार के मुताबिक सोमवार से शुरू हो कर पांच दिनों तक चलने वाले समारोह के दौरान रामलीलाओं का मंचन, थ्री डी होलोग्राफिक प्रदर्शन, लेजर शो और आतिशबाजी भी होगी.
अयोध्या में रामलीला का मंचन करने के लिए श्रीलंका से एक सांस्कृतिक टीम को बुलाया गया है. नेपाल के जनकपुर से आई टीम सोमवार को रामलीला का मंचन करेगी, जबकि जम्मू-कश्मीर, गुजरात, असम, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल से आई टीमें पांच दिनों तक चलने वाले समारोह के दौरान इसका मंचन करेंगी.