हिमाचल प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की दूसरी कैबिनेट बैठक शुरू हो चुकी है। बैठक में जयराम कैबिनेट के लगभग सभी मंत्री मौजूद हैं। बैठक में कई अहम फैसलों पर चर्चा होगी और जिसमें वित्त विभाग से संबंधित प्रेजेंटेशन अहम भूमिका निभाएगी।
क्योंकि, जिस तरह सरकार हिमाचल के कर्ज पर सख्त रवैया अपनाए हुए हैं उससे ये कहना गलत नहीं होगी मौजूदा सरकार पिछली सरकार के कई फैसलों पर रेड सिगनल दे सकती है। हिमाचल प्रदेश इस समय करीब साढ़े 46 हजार करोड़ रुपये के कर्ज तले दबा है, जो सुखद हालात नहीं है।
बैठक में मौजूदा सरकार वित्तीय स्थिति का पूरी तरह से अध्ययन करने के बाद ही आगामी रणनीति तय करेगी। इसमें केंद्र सरकार से बेलआउट पैकेज को मांगना भी शामिल है। इसके अलावा रिटायर और री-एंप्लॉयमेंट पर सेवाएं देने वाले कुछ अधिकारी एवं कर्मचारियों को हटाए जाने संबंधी मामले पर भी मंत्रिमंडल बैठक में चर्चा होने की संभावना है।
गौरतलब है कि राज्य में वर्ष 2011-12 के दौरान प्रति व्यक्ति ऋण जो 40,904 रुपए था। वह वर्ष 2015-16 में बढ़कर 57,642 रुपये हो गया है। इस तरह से पांच साल में प्रति व्यक्ति ऋण में 41 फीसदी बढ़ौतरी हुई है।