कोरोना काल के बाद खुल रहे स्कूलों को लेकर आए दिन नई ख़बर सामने आ रही है। कोरोना काल के दौरान निजी स्कूलों में फीस को लेकर काफी समय से विवाद चलता रहा। इसे एक बार फ़िर हवा दे दी है हमीरपुर के पुलिस विभाग ने। दरअसल, पुलिस अधीक्षक ने जिला के सभी निजी स्कूल प्रबंधकों को लेटर लिखकर पुलिस कर्मचारियों के बच्चों के लिए स्कूल फीस में रियायत देने की मांग की है। इसके बाद पुलिस विभाग और जिले के निजी स्कूल संचालकों के बीच विद्यार्थियों की फीस को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, निजी प्रबंधकों ने अपने जवाब में एसपी हमीरपुर को दो टूक कह दी है कि लॉकडाउन के चलते स्कूल प्रबंधनों को सारा खर्च खुद उठाना पड़ा है। टीचिंग, नॉन टीचिंग स्टाफ का वेतन, स्कूल बस और भवनों की देख रेख और सारे खर्च उन्होंने मुश्किल से उठाए हैं। ऐसे में अब जाकर स्कूल खुले हैं उसमें फीस की रियायत देना संभव नहीं। इस बार कोई फीस में बढ़ोतरी नहीं की गई है और पुरानी फीस स्ट्रक्चर को ही फॉलो किया जा रहा है।
स्कूल प्रबंधनों ने जवाब में ये भी कहा कि अगर वे पुलिस विभाग के कर्मचारियों को रियायत देते भी है तो बाकी अन्य विभाग के कर्मी भी यही मांग करने पहुंचेंगे। उन्होंने ये भी कहा कि पुलिस विभाग के कर्मियों को पूरा वेतन कोरोना काल में मिलता रहा। ऐसे में ज्यादा परेशानी प्राइवेट नौकरी वालों को हुई है। यही नहीं, प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सक, स्टाफ नर्स, पैरा मेडिकल स्टाफ समेत 26 विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारियों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित किया है। तो ऐसे में रियायत देना संभव नहीं।
आपको बता दें कि एसपी हमीरपुर ने जिला के निजी स्कूल प्रबंधकों को पत्र लिखकर पुलिस कर्मचारियों के बच्चों के लिए स्कूल फीस में रियायत का आग्रह किया था। पुलिस विभाग ने इस पत्र में खुद को फ्रंटलाइन वर्कर बताते हुए स्कूल फीस में यथासंभव छूट देने की मांग की थी। एसपी आकृति शर्मा ने कहा था कि कुछ संस्थानों ने पुलिस कर्मचारियों के बच्चों को फीस में छूट दी है। इसीलिए जिला के संस्थानों से भी आग्रह किया गया है। संस्थान चाहें तो छूट दे सकते हैं।