हिमाचल उपचुनाव में चारों सीटों पर हार के बाद प्रदेश सरकार अब जनहित के मुद्दों पर जाग गई है। इसी कड़ी में सरकार ने न्यायालय में लंबित पड़े उनके मामलों पर आला अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में मुख्य सचिव से लेकर लॉ से जुड़े सभी अधिकारी भी मौजूद रहे, जिसमें मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रदेश के सभी विभागों में बेहतर समन्वय बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि बेहतर समन्वय बनाने से विभिन्न न्यायालयों में चल रहे मामलों को शीघ्र सुलझाया जा सकेगा और प्रदेश में विकासात्मक गतिविधियां निर्बाध रूप से चलती रहेंगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एक लिटिगेशन मॉनिटरिंग सॉफ्टवेयर विकसित किया है और इस सॉफ्टवेयर में सभी अदालती मामले दर्ज किए जा रहे हैं। महत्वकांक्षी परियोजनाओं से सम्बन्धित और प्रमुखता वाले मामलों को विशेष प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक सचिवों को महाधिवक्ता के कार्यालय के साथ समन्वय स्थापित करना चाहिए ताकि अदालतों में मामलों को शीघ्र सुलझाया जा सके।
जय राम ठाकुर ने कहा कि जेओए आईटी, जेबीटी इत्यादि से सम्बन्धित अदालती मामलों में तेजी लाई जानी चाहिए, क्योंकि इससे हजारों युवा लाभान्वित होंगे। इन भर्तियों पर लगी रोक को हटाने के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने माननीय न्यायालयों से इन मामलों को सुलझाने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न स्वीकृतियों और अदालतों में लम्बित मामलों के कारण कई विकासात्मक परियोजनाओं में विलम्ब हुआ है। उन्होंने विभिन्न न्यायालयों में स्वीकृति प्राप्त करने सम्बन्धी मामलों में अधिकारियों को सक्रिय रूप से काम करने के निर्देश दिए। इससे न केवल आम लोगों को लाभ होगा बल्कि परियोजना सम्बन्धी लागत से भी बचा जा सकेगा। उन्होंने विभिन्न लम्बित मामलों की निगरानी के लिए नियमित बैठकों का आयोजन करने के भी निर्देश दिए।