हिमाचल प्रदेश में लगभग 2 साल बाद सरकार ने पहली से सातवीं के छात्रों के लिए स्कूल खोलने का फैसला लिया है। लेकिन स्कूल खुलने के एक दिन बाद ही अभिभावकों ने सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाना शुरू कर दिए हैं। इसको लेकर अभिभावक गुरुवार को उपायुक्त शिमला से मिले और उन्हें ज्ञापन सौंपकर सरकार को फैसला बदलने की गुजारिश की।
अभिभावकों का कहना है कि पहली कक्षा से सातवीं कक्षा तक के बच्चों को इस समय स्कूल खोलना उचित नहीं है। कोरोना का कहर जारी है और ऐसे में स्कूल खोलने के लिए सरकार ने जो प्लान बनाया है उसका छोटे बच्चों के लिए पालन करना संभव नहीं है। ऐसे में कोरोना संक्रमण से अभी तक बचे हुए बच्चे इसका शिकार हो सकते हैं। अभिभावकों का कहना है कि सरकार को इस निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए और अगले सत्र से ही छोटे बच्चों के लिए स्कूल खोलने चाहिए।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में कोरोना काल से बंद स्कूलों को चरणबद्ध तरीक़े से खोलने का फैसला लिया है। जिसमें पहले चरण में तीसरी कक्षा से सातवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए स्कूल खुल चुके हैं। 8वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के स्कूल पहले ही खोले जा चुके हैं। इसके बाद पहली और दूसरी कक्षा के छात्रों के लिए भी 15 नवम्बर से स्कूल शुरू करने का निर्णय लिया गया है। विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर स्कूल अपने स्तर पर प्लान तैयार कर कोरोना नियमों के पालन करेंगे। स्कूल पूरी संख्या के साथ खुलेंगे जहां विद्यार्थियों की संख्या ज्यादा है वहां सोशल डिस्टेंसिंग बनाने के लिए सुबह और शाम क्लास लगाई जा रही हैं।