विधानसभा चुनाव में खर्च किए गए पैसे का हिसाब देना होगा। राजनीतिक दलों सहित चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को चुनाव आयोग ने यह आदेश जारी कर दिए हैं। आयोग इस पैसे का आकलन करेगा। यह पता किया जाएगा कि किस उम्मीदवार ने चुनाव प्रचार में कितना खर्च किया। अगर नियमों से अधिक खर्च निकला तो प्रत्याशियों के विरूध कार्रवाई भी हो सकती है।
अधिनियम-1951 के तहत चुनाव व्यय की जानकारी देना जरूरी
वीरवार को जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त ऊना विकास लाबरू ने विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ चुनाव व्यय को लेकर बैठक की। आयोग के मुताबिक विधानसभा चुनाव-2017 में जिले के पांचों विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ चुके सभी उम्मीदवारों को चुनाव नतीजे घोषित होने के एक माह के भीतर चुनाव व्यय संबंधी जानकारी उपलब्ध करवानी होगी। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 के अंर्तगत चुनाव व्यय संबंधी तमाम जानकारी उपलब्ध करवानी जरूरी है। लाबरू ने कहा है कि सभी उम्मीदवारों से एक माह के भीतर चुनाव संबंधी तमाम जानकारी उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए गए हैं। उनके द्वारा लगाए गए शेडो रजिस्टर में दर्ज चुनाव व्यय को चुनाव कार्यालय के शेडो रजिस्टर के साथ भी मिलान किया जाएगा।
चुनाव व्यय के लिए निर्धारित थी 28 लाख रुपये की अधिकतम सीमा
चुनाव आयोग के निर्देशानुसार सभी प्रत्याशियों को नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले किसी भी बैंक में खाता खोलना जरूरी था तथा चुनाव संबंधी तमाम व्यय की जानकारी उन्हें चुनाव व्यय के लिए लगाए गए रजिस्टर में दर्ज करनी आवश्यक थी। चुनाव लड़ने के लिए प्रत्येक उम्मीदवार को चुनाव व्यय के लिए 28 लाख रुपये की अधिकतम सीमा निर्धारित थी।