अंतरराषट्रीय रेणुकाजी मेला का विधिवत रूप से शुक्रवार को समापन हुई। राजयपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने देव पालकियों को उठाकर समारोह की अध्यक्षता की। इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि मेले एवं त्योहार हमारी प्राचीन संस्कृति के परिचायक हैं, जिनके माध्यम से हमें आपस में मिलने-जुलने का अवसर मिलता है। उन्होंने कहा कि हमें अपने पूर्वजों से मिली इस प्राचीन पारम्परिक धरोहर को संजोए रखना है। ये मेले और त्योहार हमें एकता के सूत्र में बांधते हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति का एक ही भाव है कि हम सभी इस देश के मूल निवासी हैं। हमारे आचार-विचार, रहन-सहन व भाषा में विविधता हो सकती है, लेकिन हमारी संस्कृति हमें एक होने का संदेश देती है। उन्होंने कहा कि उन्हें परशुराम जी की भूमि गोमतक यानी गोवा से देवभूमि हिमाचल में परशुराम जी और माता रेणुकाजी के दर्शन का सौभाग्य मिला है। उन्होंने जिलावासियों को मेले के सफल आयोजन की बधाई दी।