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‘वैक्सीन लगवाना लोगों की इच्छा पर निर्भर, प्रशासन नहीं बना सकता दबाव’

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केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार कोरोना वैक्सीन लगवाना लोगों की इच्छा पर निर्भर है। इसके लिए किसी को मजबूर नहीं किया जा सकता है। क्योंकि सरकार ने वैक्सीन लगाने से कोई साइड इफ़ेक्ट या मौत नहीं होगी ऐसा कोई दावा नहीं किया है। वेक्सीन से किसी की मौत होती है तो सरकार ने किसी मुआवजे का प्रावधान नहीं किया है। अवेकन इंडिया संस्था जो इसको लेकर लोगों को जागरूक करने में लगी हुई है ने शिमला में धरना प्रदर्शन किया। संस्था का कहना है कि इसे लोगों को थोपा नहीं जाना चाहिए।

अवेकन इंडिया मूवमेंट के स्टेट एडमिन मधु सिंह ने बताया कि उन्होंने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से आरटीआई के माध्यम से जानकारी ली कि यह वैक्सीन स्वैच्छिक है और इससे हुए नुकसान या मौत की स्थिति में सरकार कोई मुआवजा नहीं देगी क्योंकि लोग इसे स्वेच्छा से लगवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब से वैक्सीन आई है तब से प्रशासन वह सरकार इसे लगवाने के लिए तो लोगों को जागरूक कर रही है लेकिन लोगों को यह नहीं बताया जा रहा है कि यह स्वैच्छिक है।

उन्होंने बताया कि वैक्सीन लगवाने के बाद लोगों को दिल, दिमाग और अन्य कई तरह की बीमारियां हो रही हैं और कुछ लोगों को तो इससे जान से भी हाथ धोने पड़े हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार आरटी पीसीआर टेस्ट, वैक्सीन और मास्क लगाना वॉलन्ट्री है लेकिन बावजूद इसके कई जिला प्रशासन सर्कुलर निकालकर लोगों पर दबाव बना रहे हैं जोकि सरेआम कानून का उल्लंघन है।

उन्होंने कहा कि प्रसाशन को दबाव बनाने का कोई अधिकार नहीं है बल्कि उन्हें इसके स्वेच्छिक होने की जानकारी देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब मास्क, वैक्सीन लगाने के बाद भी लोग संक्रमित हो रहे हैं तो इसका क्या फायदा है।