उपचुनाव में मिली हार पर मंथन करने के लिए भाजपा ने 26 से 26 नवंबर तक शिमला में प्रदेश कार्यसमिति की बैठक बुलाई है। बैठक में मंथन के बाद भाजपा संगठन और सरकार स्तर पर सख्त फैसले ले सकती। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने खुद इस बात की पुष्टि कर दी है।
सोमवार को मंडी में पत्रकारों से रूबरू होते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमने मंडी संसदीय क्षेत्र के सभी विधायकों, मंडलाध्यक्षों और प्रतिनिधियों से चुनाव परिणाम पर चर्चा की । इसमें बहुत कुछ निकल कर सामने आया है। इसमें कुछ प्रैस को बताने लायक है और कुछ बातें संगठन स्तर पर सांझा की जाएंगी। मंडी में मंथन करने के बाद अब पूरी चर्चा शिमला में इसी सप्ताह होने जा रही मंथन बैठक विस्तार से होगी। उसके बाद ही कुछ निर्णय संगठन और सरकार के स्तर पर लिए जाएंगे। ये निर्णय सख्त भी हो सकते हैं।
बता दें कि उपचुनाव में मिली हार के बाद सोमवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मंडी में पहली बार पत्रकारों से रूबरू हुए। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडी उपचुनाव में अब तक का सबसे कम महज एक प्रतिशत का जीत हार का अंतर रहा है। ज्यादा दुख और पीड़ा इस बात की है कि मंजिल तक पहुंच कर हार हो गई। भले ही भाजपा में सभी निर्णय और चुनावी रणनीति सामूहिक तौर पर बनाई जाती है मगर वह चूंकि मंडी जिले से संबंधित हैं ऐसे में इस हार की सारी जिम्मेवारी वह अपने सिर पर लेते हैं। जीते हुए सभी नुमाईंदों को जीत की बधाई देते हुए इस परिणाम को एक अलर्ट की तरह स्वीकार करते हुए आने वाले समय में और अधिक जोश और जुनून से काम करेंगे।
हर बार नहीं चलेगा श्रद्धांजलि कार्ड
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक आकलन के आधार पर यही सामने आया है कि मंडी चुनाव सहानुभूति के कारण हारा है। कांग्रेस ने श्रद्धांजलि के नाम पर वोट मांगे, मगर हर बार श्रद्धांजलि का कार्ड नहीं चलेगा। भाजपा व सरकार अपने किए गए कामों व पहले के परिणामों के आधार पर ओवर कन्फीडैंस में रही और यही हार का कारण बन गया। विकास के जो काम बड़े स्तर पर में मंडी संसदीय क्षेत्र के हर विधानसभा क्षेत्र में किए गए थे उस पर ज्यादा फोकस नहीं हो पाया।
कांग्रेस ने मंडी हमारी है हमारी रहेगी जिसे लेकर उनका साफ मत पूरे संसदीय क्षेत्र से था का गलत प्रचार किया और इसे गलत आधार पर मुद्दा बनाया। उन्होंने माना कि नोटा, कम वोटिंग और वामपंथियों का 25 हजार वोट एक मुश्त कांग्रेस को चला जाना भी एक बड़ा कारण बना। महंगाई जैसे मुद्दों को लेकर भी आने वाली बैठक में चर्चा हो सकती है मगर यह कोई बड़ा कारण नहीं लगता।
मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि यह चुनाव परिणाम किसी भी सूरत में विधानसभा चुनाव 2022 को प्रभावित नहीं करेगा। सरकार और संगठन पूरे जोश जुनून के साथ काम करेगा। अभी हमारे पास समय है और निश्चित तौर पर 2022 में हम सरकार बनाने के उस आंकड़े को फिर से पार करेंगे। वहीं, नेतृत्व परिवर्तन और मंत्रीमंडल में फेरबदल के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के निर्णय पार्टी नेतृत्व करता है।