ब्रांडेड दवाइयां लिखने वाले चिकित्सकों पर अब पूरी तरह से नकेल कसेगी। हिमाचल सरकार ने पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में पर्ची सिस्टम को हाईटेक बनाने की योजना शुरू कर दी है। प्रदेश में अभी तक चंबा मेडिकल कॉलेज में पॉयलट आधार पर इस प्रोजेक्ट को शुरू किया जाएगा। प्रोजेकट यदि चंबा में सफल रहता है तो बाद में पूरे प्रदेश में इस व्यवस्था को लागू किया जाएगा।
चंबा मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. अनिल औहरी ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में पर्ची सिस्टम को ऑनलाईन करने का प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है। प्रोजेक्ट के तहत मेडिकल कॉलेज की हर ओपीडी को डिजिटल किया जाएगा। जिसमें ओपीडी में कंप्यूटर और स्केनर होगा, वहीं एचओडी में भी यह व्यवस्था रहेगी। डॉ. अनिल औहरी का कहना है कि अगर चिकित्सक जेनरिक दवाइयां नहीं लिखते हैं, तो वह मौके पर पकड़ा जाएगा और उसके खिलाफ नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि चिकित्सक की ओर से पर्ची पर लिखी दवाइयां ऑटोमेटिक ही कंप्यूटर सिस्टम में चली जाएगी। पता चला है कि चंबा कॉलेज में इस सिस्टम को लागू करने के लिए टेंडर प्रक्रिया भी आयोजित कर ली गई है। प्रोजेक्ट पर पचास लाख के करीब राशि खर्च होगी। सिस्टम पर निगरानी रखने के लिए एक पांच सदस्यीय कमेटी का गठन भी किया गया है।