हिमाचल प्रदेश में बरसात के दौरान हुए नुकसान का आंकलन करने के लिए केंद्रीय अंतर मंत्रालय टीम हिमाचल पहुंची है। बुधवार को टीम ने कांगड़ा जिला में मानसून सीजन के दौरान बारिश से हुए नुक्सान के आंकलन के लिए फील्ड विजिट किया। इस दौरान कांगड़ा जिला के शीला, चैतडू, राजोल, अनसूई और बोह, मैक्लोडगंज में हुए नुकसान के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल की। इस दौरान भारी बारिश और बाढ़ के कारण प्रभावित जल शक्ति विभाग की परियोजनाओं तथा सड़क को हुए नुकसान का भी आकलन किया गया। टीम ने बोह में बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्र का दौरा भी किया।
इस बारे में जानकारी देते हुए उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि कांगड़ा जिला में मॉनसून सीजन में 13 जून से लेकर 26 सितंबर तक लोक निर्माण विभाग को 93 करोड़ 28 लाख के करीब नुकसान हुआ है जबकि जल शक्ति विभाग की विभिन्न पेयजल और सिंचाई योजनाओं को 81 करोड़ 82 लाख के करीब नुकसान झेलना पड़ा है, नुकसान की रिपोर्ट पहले ही विभागों के माध्यम से राज्य सरकार को भेज दी गई है।
उन्होंने बताया कि कांगड़ा जिला में विद्युत विभाग को एक करोड़ 96 लाख, एनएच को 23 लाख का नुकसान हुआ है, कृषि विभाग के तहत 56 लाख के करीब नुकसान आंका गया है। नगर निगम धर्मशाला के तहत दो करोड़ 80 लाख का नुकसान हुआ है। वहीं, मानसून सीजन के दौरान 36 लोगों को जान भी गंवानी पड़ी है जबकि 37 पक्के घर, 60 कच्चे घर पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके साथ ही 137 कच्चे घर आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त हुए हैं, 199 काउ शेड क्षतिग्रस्त हुए हैं इससे करीब 2 करोड़ 90 लाख का नुकसान आंका गया है।
उपायुक्त ने बताया कि केंद्रीय अंतर मंत्रालय की टीम को बारिश, बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का फील्ड विजिट करवाया गया है ताकि नुकसान के बारे में सही जानकारी दी जा सके और उसी के आधार पर केंद्र सरकार से नुकसान की एवज में मुआवजा मिल सके। उन्होंने कहा कि केंद्रीय अंतर मंत्रालय टीम ने अधिकारियों तथा स्थानीय लोगों के साथ भी विस्तृत चर्चा की है।