हिमाचल प्रदेश भाजपा में तीन दिन तक चला महामंथन ख़त्म हो गया है। इस मंथन से अमृत भी निकला है साथ ही विष भी। अब अमृत और विष किसके हिस्से आएगा इसको लेकर फ़ैसला आलाकमान को करना है। महामंथन में अंदर बहुत कुछ हुआ क्लास भी लगी सवाल जवाब भी हुए। मंथन के बाहर नेताओं ने इतना जरूर कहा कि भीतरघात, अनुशासन हीनता भी हार की मुख्य वजह रहा। अब मिशन रिपीट के लिए सबको तैयार रहने को कहा गया है।
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जयराम सरकार के कामकाज की तारीफ़ कर उनको क्लीन चिट दे गए। भले ही हार की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री ले रहे हैं लेकिन हार के लिए एक व्यक्ति जिम्मेदार नहीं हो सकता चाहे वह प्रदेश का मुखिया ही क्यों न हो। एक हिसाब से हार की जिम्मेदारी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते जेपी नड्डा की भी बनती है। क्योंकि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के अध्यक्ष के गृह राज्य में भाजपा चारों सीट हार गई है।
अब नज़ला किस पर गिरेगा ये देखना होगा। क्योंकि भीतरघात और अनुशासनहीनता का राग किसी पर तो भारी पड़ेगा। जो भी हो मंथन से निकला विष और अमृत अब आलाकमान जाएगा और वहीं से बंटेगा। लेकिन इतना तय है कि हार से सबक लेकर भाजपा 2022 के मिशन रिपीट की तैयारियों में जुट गई है। ऐसे में कांग्रेस को भाजपा के मुंगेरी लाल के सपने देखने के बयान पर मंथन जरूर करना है। इन चुनावों में लोगों ने कांग्रेस को जितवाया कम है भाजपा को हराने के मजा जरूर चखाया है।