2017 में रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए सीनियर सिविल जज को न्यायिक सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। वे काफी वक़्त से निलंबित चल रहे थे जिन्हें आज उनके पद से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया है। राज्य के गृह विभाग ने यह कदम हिमाचल हाई कोर्ट की जांच कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद लिया है। हिमाचल के गृह विभाग के प्रधान सचिव रजनीश कुमार ने केंद्रीय सिविल सर्विस नियम 1965 के तहत प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए गौरव शर्मा को नौकरी से बर्खास्त कर दिया।
याद रहे कि 2017 में जज गौरव शर्मा पर चेक की राशि दिलाने की एवज में एक कारोबारी अश्वनी से 40 हजार रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगा था, जबकि हिमाचल हाई कोर्ट की जांच कमेटी ने रिश्वत लेने के आरोप सही पाए थे। हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार को गौरव शर्मा को न्यायिक सेवा से बर्खास्त करने के निर्देश दिए थे।
मंडी के सुंदरनगर में बतौर सीनियर सिविल जज तैनात रहे गौरव शर्मा पंजाब के अमृतसर का रहने वाले थे, जबकि उनकी अदालत में सुंदरनगर के एक कारोबारी ने चेक बाउंस के कई मामले दायर कर रखे थे। जानकारी के मुताबिक, जज ने कारोबारी को अपने चैंबर में बुलाकर चेक का पैसा दिलाने की एवज में 40 हजार रुपये की मांग की थी। हालांकि उन्होंने पैसे लेकर उनके आवास पर आने को कहा था। जज के बुलावे पर कारोबारी अश्विनी 31 मार्च 2017 की देर शाम उनके आवास पर गया था और रिश्वत की राशि दी थी। इसी दौरान विजिलेंस की टीम ने दबिश देकर गौरव शर्मा को रिश्वत की राशि के साथ रंगे हाथ धर दबोचा लिया।