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ओमिक्रोन अलर्ट: 14 देशों में फैला वायरस, कितनी कारगर है वैक्सीन?

डेस्क |

कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रोन तेजी से पांव पसार रहा है. वायरस का नया वेरिएंट लगभग 14 देशों में पहुंच चुका है. ओमिक्रोन वेरिएंट को देखते हुए अमेरिकी सरकार के शीर्ष चिकित्‍सा सलाहकार एंथनी फाउची ने वायरस के नए वेरिएंट को लेकर खतरे की घंटी बजा चुके हैं. ओमिक्रोन वायरस के 200 से ज्यादा मरीज दुनिया भर में मिल चुके हैं.

वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रोन का पहला केस पिछले हफ्ते दक्षिण अफ्रीका में मिला था. देखते ही देखते यह स्‍ट्रेन 14 देशों में फैल गया. नए वेरिएंट से वैसे लोग भी संक्रमित हो रहे हैं जिन्होंने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ले रखी है. कोरना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन को B.1.1.529 नाम दिया गया है.

ओमिक्रोन वेरिएंट का वायरस जर्मनी, इटली, बेल्जियम, इजरायल और हांगकांग में भी इसके मामले सामने आए हैं. दक्षिण अफ्रीका से आने वाले यात्रियों की कड़ी निगरानी की जा रही है और लगातार जांच जारी है. थाईलैंड ने अफ्रीका के आठ देशों से यात्रियों के आने पर पाबंदी लगा दी है.

जोखिम वाले देशों’ के रूप में पहचाने जाने वाले देशों से भारत आने के लिए प्रस्थान से 72 घंटे पहले किए गए पूर्व-प्रस्थान कोरोना परीक्षण के अलावा आगमन पर हवाई अड्डे पर अनिवार्य रूप से आगमन पर कोरोना परीक्षण से गुजरना पड़ेगा. इन परीक्षणों में पॉजिटिव पाए गए यात्रियों के लिए, उन्हें क्वारंटीन किया जाएगा और नैदानिक प्रबंधन प्रोटोकॉल के अनुसार इलाज किया जाएगा. इसके अलावा उनके नमूने भी पूरे जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए जाएंगे. नकारात्मक पाए गए यात्री हवाई अड्डे से जा पाएंगे, लेकिन 7 दिनों के लिए घर से अलग रहना होगा. इसके बाद भारत में आगमन के 8वें दिन दोबारा परीक्षण किया जाएगा, इसके बाद 7 दिनों तक स्व-निगरानी होगी.

ओमिक्रोन वेरिएंट में जो देखा गया है, वह यह है कि इसके स्पाइक प्रोटीन में 30 से अधिक म्यूटेशन हैं. इनमें से दस उत्परिवर्तन को रिसेप्टर-बाइंडिंग डोमेन या स्पाइक प्रोटीन के आरबीडी में देखा गया है. आरबीडी स्पाइक प्रोटीन का वह हिस्सा है जो मानव कोशिका से जुड़ता है. एक अत्यधिक उत्परिवर्तित आरबीडी शरीर की प्रतिरक्षा ओमिक्रॉन प्रकार को बिना नष्ट किए ले जा सकता है, क्योंकि इसके म्यूटेशन को लेकर वह पहले से अलर्ट नहीं है.

हालांकि स्पाइक प्रोटीन कोरोनावायरस का एकमात्र हिस्सा नहीं है जिसे प्रतिरक्षा प्रणाली पहचानती है. एंटीबॉडी, टी कोशिकाएं और विशिष्ट कोशिकाएं जो पिछले संक्रमण या टीकाकरण के बाद शरीर में विकसित होती हैं और पुराने वायरस को याद रखने में सक्षम होती हैं. फिर भी एक उत्परिवर्तित कोरोना वायरस के खिलाफ सुरक्षा प्रदान कर सकती हैं। ऐसी स्थिति में यह ओमिक्रोन वेरिएंट पर भी काम करेगा.

विशेषज्ञों का कहना है कि यदि ओमिक्रोन वेरिएंट तेजी से फैल रहा है लेकिन अनुमान यही लगाया जा रहा है कि यह वायरस बिना टीकाकरण वाले लोगों पर ज्यादा असर डाल रहा है.