हिमाचल प्रदेश के 4500 से अधिक प्री प्राइमरी स्कूलों में नर्सरी टीचर ट्रेनिंग (एनटीटी), ईसीसी (अर्ली चाइल्डहुड केयर) करने वालों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को नियुक्तियां दी जाएगी. नर्सरी-केजी कक्षाओं के लिए 70:30 अनुपात में इनकी नियुक्तियां करने का सरकार ने फैसला लिया है. एनसीईआरटी के सहयोग से इन्हें प्रशिक्षित भी किया जाएगा.
राज्य सचिवालय में आयोजित समीक्षा बैठक के बाद शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने बताया कि इन नियुक्तियों को लेकर एससीईआरटी के माध्यम से पोजीशन पेपर एनसीईआरटी को भेजे जाएंगे. राष्ट्रीय स्तर पर समग्र रूप से सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने का कार्यक्रम है.
प्रदेश में शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग और राष्ट्रीय हेल्थ मिशन के साथ तालमेल कर अगली बैठकों में जानकारी एकत्र कर इस दिशा में और अधिक कार्य किए जाएंगे. शिक्षा मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर हिमाचल प्रदेश देश भर में अग्रणी राज्य बना हुआ है. शिमला, चंबा, किन्नौर और चंबा में इस बाबत संवाद इसी महीने आयोजित किए जाएंगे. शेष जिलों में संवाद हो चुके हैं.
शिक्षा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में जल्द ही बारहवीं कक्षा पास करने के बाद विद्यार्थी चार साल की बीएड डिग्री भी कर सकेंगे. राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इंट्रेग्रेटिड बीएड को मंजूरी दी गई है. प्रदेश में इसे शुरू करने के लिए प्रयास शुरू कर दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि बैठक में शिक्षकों के कार्य एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षक तैयार करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों को लागू करने के लिए विभाग की ओर से किए जाने वाले फैसलों पर भी चर्चा की गई. इसके तहत शिक्षकों का प्रशिक्षण करवाया जाएगा. उच्च शिक्षा में प्रशिक्षित अध्यापकों की नियुक्ति के लिए प्रशासनिक एवं टेक्निकल सुधार किया जाएगा. इसके अलावा स्कूलों के प्रशासनिक मुखियाओं को व्यवसायिक प्रशिक्षण दिया जाएगा.
शिक्षा मंत्री ने बताया कि सेवानिवृत्त शिक्षकों की सेवाओं को स्थानीय स्तर पर लिए जाने का विचार है. भारत सरकार के विद्यांजलि कार्यक्रम के तहत सेवानिवृत्त शिक्षकों और अन्य स्वयंसेवकों की सेवाओं को लिया जा सकता है. शिक्षकों की स्थानीय स्तर पर कमी को दूर करने के लिए यह प्रयास करने का विचार है.
प्रदेश के सभी जिलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रचार-प्रसार के लिए नौ एंबेसडर नियुक्त किए जाएंगे. यह एंबेसडर निरंतर शिक्षा नीति के प्रति जागरूकता अभियान चलाएंगे. क्रियान्वयन से संबंधित सुझाव को इनकी ओर से सरकार को भेजे जाएंगे. जिला स्तरीय टास्क फोर्स को मजबूत करने के लिए सदस्यों की संख्या को एक माह के भीतर 21 किया जाएगा.