तपोवन की तपोस्थली में दो साल के बाद विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुक्रवार को शुरू हो रहा है. यहां बीते वर्ष कोविड-19 के कारण शीतकालीन सत्र आयोजित नहीं हो सका था. अब जब शीतकालीन सत्र आयोजित होने जा रहा है तो इस सरकार का यह अंतिम ही विंटर सेशन है. इसके बाद आगामी विधानसभा चुनाव नजदीक हैं.
ऐसे में जब चुनाव नजदीक है तो मुद्दों की तपिश से तपोवन विधानसभा में शीतकालीन सत्र में खूब गरमाहट होगी. वहीं विभिन्न कर्मचारी संगठन व अन्य संगठन अपने मुद्दों को लेकर रोष रैलियां आयोजित करने जा रहे हैं. यह रैलियां विधानसभा से दूर जोरावर स्टेडियम तक ही आयोजित होंगी.
खास बात ये है इस बार मुख्यमंत्री भी शीतकालीन सत्र को पूरा समय नहीं दे सकेंगे. जयराम सरकार 9 दिसंबर से धर्मशाला में डटेगी. विधानसभा के विंटर सेशन के लिए सरकार के मंत्री और सभी विधायक गुरुवार को धर्मशाला पहुंच जाएंगे. मुख्यमंत्री भी 9 दिसंबर को धर्मशाला पहुंच रहे हैं, लेकिन वह केवल 12 दिसंबर यानी रविवार तक ही धर्मशाला में रुकेंगे.
प्रधानमंत्री की ओर से बुलाई गई सीएम काउंसिल की बैठक के कारण मुख्यमंत्री विधानसभा के अंतिम तीन दिन नहीं होंगे. हालांकि धर्मशाला में VVIP वाहनों की मूवमेंट बढ़ जाएगी जो आने वाले दिनों में और रफ्तार पकड़ेगी.
तपोवन में 10 दिसंबर से शुरू होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा और शहर की सुरक्षा का जिम्मा 900 पुलिस जवानों व अधिकारियों पर होगा. शहर में यातायात व्यवस्था से लेकर अन्य सभी बिंदुओं को लेकर आज जिला पुलिस अंतिम प्रारूप तैयार करेगी. इसके बाद जवानों को डयूटी बारे जानकारी दी जाएगी.
विधानसभा सत्र के दौरान शहर को कितने सैक्टरों में विभाजित किया जाएगा, जिससे कि शहर में यातायात व अन्य सुरक्षा व्यवस्थाओं में किसी प्रकार की परेशानी न उठानी पड़े. पुलिस की तरफ से किए जाने वाले प्रबंधों की पूरी जानकारी आज जारी कर दी जाएगी.