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हिमाचल: बहन से दुराचार के बाद हत्या करने के दोषियों को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा

बीरबल शर्मा |

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सुंदरनगर अनुजा सूद की अदालत ने दुराचार करने और तेज धार हथियार से हत्या करने का आरोप सिद्ध होने पर दो दोषीयों को आजीवन कारावास की सजा के साथ जुर्माने की सजा सुनाई। उप जिला न्यायवादी, मण्डी, विनय वर्मा ने बताया कि 27 अगस्त 2016 को घनश्याम सिंह, निवासी कडाहरोपा डाकघर- बागाचनोगी, तहसील थुनाग जिला मण्डी ने पुलिस को बयान दिया कि 26 अगस्त शाम को 6 बजे उसकी भतीजी (मृतिका) भाटकी धार सामान लेने गयी थी और करीब 8ः30 बजे शाम को पीड़िता मृतिका ने अपनी बहन को फोन किया कि अंकल (शिकायतकर्ता) को भेजो उसे मार रहे हैं, जिस पर सभी गांव के लोग इकट्ठे हुए और पीड़िता को ढूंढते हुए बुन्गाधार आये । वहां रात को करीब 2ः30 बजे पहुंचे और वहां रास्ते में जेकेट और सामान का थैला मिला। उसके बाद वे पीड़िता को ढूंढते हुए 500 मीटर नीचे गये तो देखा कि पीड़िता लहुलुहान पड़ी थी और उसके हाथों और गले में तेजधार हथियार से काटने के निशान थे, जिसकी उस वक्त मृत्यु हो चुकी थी।

धनश्याम के ब्यान के आधार पर गोहर थाना में मामला दर्ज हुआ। मामले की छानबीन निरीक्षक चांद किशोर, तत्कालीन प्रभारी थाना गोहर ने अमल में लायी थी और तप्तीश के दौरान यह सामने आया कि पीड़िता की हत्या आरोपी निर्मल सिंह पुत्र रोशन लाल, गांव पाटन, डाकघर- बागचनोगी तहसील थुनाग और सुभाष चंद पुत्र वेश राम, निवासी कडाहरोपा डाकघर- बागाचनोगी तहसील थुनाग जो कि रिश्ते में मृतिका के भाई (मामा और बुआ के लड़के) लगते थे। छानबीन में पाया गया कि आरोपियों ने टोके और छुरी से उसकी हत्या की है। रासायनिक परीक्षण से छानबीन के दौरान यह भी सामने आया कि हत्या से पहले मृतिका के साथ दुराचार भी हुआ था।

अदालत में इस मामले की पैरवी तत्कालीन उप जिला न्यायवादी भीष्म चंद और उप जिला न्यायवादी चानन सिंह की और इस मामले में अभियोजन पक्ष ने अदालत में 37 गवाहों के ब्यान कलम बद्ध करवाए थे। अभियोजन एवं बचाव पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने दोनों दोषियों को धारा 302 के तहत हत्या के आरोप में आजीवन कठोर कारावास और 50-50 हजार रूपए जुर्माने की सजा सुनाई, जुर्माना अदा न करने की सूरत में दो दो साल के अतिरिक्त कारावास भुगतने की सजा भी सुनाई और धारा 201 के तहत सक्ष्य को मिटाने के आरोप में 20-20 हजार रूपए जुर्माने की सजा सुनाई, जुर्माना अदा न करने की सूरत में छः महीने के अतिरिक्त कारावास भुगतने की सजा भी सुनाई और धारा 376 के तहत दुराचार के आरोप में 10 वर्ष के कठोर कारावास और 50ः50 जुर्माने की सजा सुनाई, जुर्माना अदा न करने की सूरत में दो साल के अतिरिक्त कारावास भुगतने की सजा भी सुनाई। दोषियों को दी गयी सजा विभिन धाराओं में साथ-साथ चलेगी।