हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की शुरूआत हंगामे के साथ हुई है। सदन की कार्रवाई शुरू होते ही नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने प्वाइंड ऑफ आर्डर के तहत पुलिस जवानों में असंतोष को लेकर चर्चा की मांग की। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष की इस मांग को अस्वीकार कर दिया। इससे गुस्साए विपक्ष ने सदन के अंदर जोरदार प्रदर्शन और नारेबाजी की। हालांकि विपक्ष के विरोध के बीच प्रश्नकाल चलता रहा। इस बात से गुस्साए विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।
उधर, विपक्ष के आरोपों पर वन मंत्री राकेश पठानिया ने सफाई देते हुए पुलिस कर्मियों के साथ हो रहे इस अन्याय के लिए पूर्व कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया। पठानिया ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने ही 2015 में अधिसूचना जारी कर पुलिस को बांड के तहत 8 साल तक अनुबंध पर लाया था। अब कांग्रेस अपनी गलतियों का ठीकरा बीजेपी सरकार पर फोड़ रही है और सदन से वाकआउट कर लोगों को गुमराह करने का काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय में पुलिस जवानों के लिए भर्ती के बाद आठ साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद ही वितीय लाभ जारी किए जा सकते हैं।