हिमाचल सरकार अब डिपुओं में पतंजलि कंपनी के उत्पाद बेचने की तैयारी है। इन्हें सरकार नो प्रोफिट नो लॉस की तर्ज पर बेचेगी। सूबे में भाजपा सरकार बनते ही खाद्य आपूर्ति विभाग इसका प्रस्ताव तैयार करने में जुट गया है। दावा है कि डिपुओं में मिलने वाले उत्पादों के दाम बाजार से कम होंगे।
राशन की गुणवत्ता पर खाद्य आपूर्ति मंत्री के साथ अधिकारियों ने बैठक की जहां इस पर विस्तृत चर्चा हुई है। वर्तमान में डिपुओं में उपभोक्ताओं को सब्सिडी पर आटा, चावल के अलावा तीन दालें, दो लीटर तेल और चीनी दी जा रही है। यदि डिपुओं में ऐसा हुआ तो खाद्य आपूर्ति विभाग इन उत्पादों को कंपनी से थोक रेट पर उठाएगा, जिसका फायदा प्रदेश के उपभोक्ताओं को होगा।
खाद्य आपूर्ति मंत्री किशन कपूर ने कहा कि डिपुओं में पतंजलि उत्पाद बेचने पर विचार-विमर्श चल रहा है। बता दें कि हिमाचल में भी पतंजलि उत्पादों की खासी मांग है। दावा है कि सूबे के 50 फीसदी लोग पतंजलि उत्पाद ले रहे हैं। पतंजलि ने अलग से सैकड़ों स्टोर भी खोल रखे हैं। उपभोक्ताओं को ये उत्पाद बाजारों में कंपनी रेट पर ही मिल रहे हैं।
पतंजलि मेडिसन हब के ली दी जमीन
सोलन जिले के साधुपुल में पूर्व की भाजपा सरकार ने पतंजलि योगपीठ को मेडिसन हब विकसित करने के लिए 96 बीघा जमीन एक रुपये प्रतिमाह पट्टा राशि पर दी थी। जमीन योग प्रशिक्षण, पंचकर्म और जड़ी-बूटी ट्रेनिंग सहित आयुर्वेद की अन्य पद्धतियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दी गई थी।