भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच के अध्यक्ष बी.आर कौंडल की अध्यक्षता में फोरलेन प्रभावित 6 जिलों के 21 संगठन, किसान भूमि अधिग्रहण, 2013 कानून को लागू करवाने की मांग को लेकर 14 दिसंबर को विधानसभा के बाहर सुबह 11 बजे धर्मशाला में प्रदर्शन करंगे। इस दौरान प्रभावित किसान संगठित होकर अपनी मांग को उठाएंगे।
भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच के संयोजक, जोगिंदर वालिया ने कहा कि सरकार द्वारा जो भूमि अर्जित की गई है, उसमें भूमि अधिग्रहण, 2013 कानून पुनर्सथापना, पुनर्वास और चार गुना मुआवजा को हिमाचल सरकार पूर्णत: लागू नहीं कर रही है। हालांकि, 2018 में मंत्री स्तर पर एक सब-कमेटी गठित कि गई थी। जिसमें पुनर्सथापना, पुनर्वास और भूमि अधिग्रहण, 2013 के अनुसार फैक्टर-2 चार गुना मुआवजा को लागू करने की बात तय हुई थी। लेकिन 4 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी हिमाचल सरकार अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं ले पाई है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में मंत्री स्तर पर कमेटी गठित कि गई है। लेकिन जिसकी अभी तक कोई बैठक नहीं हो पाई है। इसके कारण आम किसानों में भारी गुस्सा है, क्योंकि भूमि अधिग्रहण से पूरे प्रदेश में किसानों, दुकानदारों और अन्य नागरिकों की आजीविका बुरी तरह प्रभावित हुई है। इसलिए शिमला, सोलन, बिलासपुर, कुल्लू ,मंडी व कांगड़ा के प्रभावित जिलों से किसान अपना विरोध प्रकट करने 14 दिसंबर को भारी संख्या में हिस्सा लेंगे और सरकार से मांग करंगे की किसानों के मुद्दों को सरकार जल्दी सुलझाए अन्यथा समस्याओं के शीघ्र समाधान न होने की स्थिति में भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच, राज्य स्तरीय आन्दोलन करने पर मजबूर होगा। जिसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार, केंद्र सरकार और राष्ट्रीय उच्च मार्ग के अधिकारियों की होगी।