ओल्ड मंक रम। हॉस्टल लाइफ का एक मजबूत और टिकाऊ साथी। भले ही घर में दूध शक्ति का दूसरा पर्याय बताया जाता रहा हो, लेकिन हॉस्टल लाइफ जीने वाले अधिकांश छात्रों के लिए टेंशन-नाशक और खुशियों का उत्प्रेरक ओल्ड-मंक ही माना जाता रहा है। अब ओल्ड-मंक से इसके जनक का साया उठ गया है। जी हां, इस 'रम' को बनाने वाले कपिल मोहन अब इस दुनिया में नहीं रहे। बीते शनिवार को ही उनका निधन हो गया।
कपिल मोहन के निधन के साथ ही ओल्ड-मंक के वफादारों ने ट्वीटर, ह्वाट्सएप और फेसबुक पर RIP भेजना शुरू कर दिया। भारी संख्या में लोगों का कपिल मोहन के निधन पर शोक जताना दिखा रहा था कि उन्होंने ना सिर्फ भारतीय उद्योग को एक ऊंचाई दी थी, बल्कि उनके ब्रांड के जरिए लोगों का उनसे एक इमोशनल कनेक्ट भी बन गया था।
88 साल के कपिल मोहन मीकिन लिमिटेड के चेयरमैन थे। यही कंपनी 'ओल्ड मंक' के साथ-साथ बाकी कुछ और ड्रिंक्स बनाने का काम करती है। खबरों के मुताबिक, मोहन का उनके गाजियाबाद वाले घर में हर्ट अटैक से देहांत हुआ।
कपिल मोहन पहले सेना में थे। वह ब्रिगेडियर रहते हुए सेवा से रिटायर हुए थे। 2010 में उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से भी नवाजा गया था। ओल्ड मंक की सफलता के बाद मोहन मीकिन ने बाकी बिजनस में भी अपना हाथ आजमाया था। जिसमें ग्लास फैक्ट्री, नाश्ते का खाना, फल-जूस प्रॉडक्ट्स, कोल्ड स्टोरेज आदि शामिल थे। 1954 में लॉन्च हुई ओल्ड मंक लंबे समय तक दुनिया में सबसे ज्यादा बिकने वाली डार्क रम रही।